आशीष त्यागी/ बागपत. उत्तर प्रदेश सरकार गौशालाओं को लेकर पूरी तरह गंभीर है. सरकार की मंशा है कि गौशालाओं का रख रखाव और गोवंशों की देखभाल को लेकर कोई कसर बाकी ना रहे. जिसके लिए जगह-जगह स्थाई और अस्थाई गौशालाएं खोली जा रही हैं. लेकिन बागपत में एक गौशाला में गोवंशों की 110 साल से सेवा की जा रही है. चहारदीवारी कराकर गोवंशों का रखरखाव करते हैं.
बेसहारा गायों व गोवंशों को सहारा देने के लिए सरकार द्वारा लाखों करोड़ो खर्च कर ग्राम पंचायतों में गौशालाएं बनाई जा रही हैं, लेकिन गौशाला का संचालन ठीक से नहीं होने के कारण गायों को सहारा नहीं मिल पा रहा है. लेकिन, लुहारी गांव में ग्रामीणों ने 110 वर्ष पूर्व गौशाला का निर्माण कराया, जिसमें आज 50 से अधिक गोवंश हैं और उनके रखरखाव में ग्रामीण चंदा इकट्ठा करके कोई कसर नहीं छोड़ रहे.
गौशाला कमेटी के सदस्य ग्रामीण संजीव दागी ने बताया कि उनके पूर्वजों ने गांव में घूम रहे गोवंशों को देखकर गौशाला बनाने की योजना बनाई और इसकी शुरुआत की. शुरुआत में करीब 15 गोवंश थे, जिसके बाद ग्रामीण मदद करते गए और गौशाला का विस्तार होता रहा. आज की स्थिति में गौशाला में करीब 60 पशु हैं और 37 लोगों की पूरी कमेटी बनी हुई है, जो गौशाला की देखरेख करती है. ग्रामीण समय पर चंदा इकट्ठा करके गौशाला चलाते हैं.
ग्रामीण खुद उठाते हैं गौशाला का खर्चकमेटी के सदस्य राजेश ने बताया कि सरकार जिस तरह से गौशालाओं को बढ़ावा दे रही है. इस गौशाला के लिए भी अधिकारी सरकार द्वारा मदद की बात कहते हैं, लेकिन ग्रामीण किसी की मदद न लेकर खुद ही इस गौशाला का खर्च उठा रहे हैं. सरकार मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन जो मदद यहां मिले उसे अन्य गौशालाओं पर खर्च करके उनकी स्थिति और अच्छी करने की बात इस गौशाला कमेटी के लोग कहते हैं. वह खुद इस गौशाला का खर्च उठाकर आमजन के लिए प्रेरणा बन रहे हैं.
.Tags: Baghpat news, Gaushala, Local18, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : October 12, 2023, 24:15 IST
Source link