पीलीभीत. हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने देश की नामचीन रियल एस्टेट कंपनी एमथ्रीएम द्वारा संचालित एमथ्रीएम फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन किया है. जिसके तहत संस्था टाइगर रिजर्व को आवश्यक संसाधन मुहैया कराएगी. लेकिन इस करार के सूत्रधार बने हैं टाइगर प्रेमी पवन जैदका. पवन बीते एक दशक से भी अधिक से बाघों के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं.
अब तक आपने इंसान से प्रेम के चलते लोगों को बड़े-बड़े त्याग या समझौते करते देखा होगा. लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसने जानवर के साथ हुई मोहब्बत में अमेरिका की नागरिकता के साथ ही साथ लाखों डॉलर की नौकरी भी ठुकरा दी. वह शख्स हैं टाइगर वॉटर लाइफ संस्था के संस्थापक पवन जैदका. पवन बीते एक दशक से भी अधिक समय से महाराष्ट्र, उत्तराखंड के कई जंगलों में बाघों के लिए कृत्रिम जलस्रोत (सोलर पंप) लगवाने का कार्य कर रहे हैं. वहीं यह सभी काम पवन व उनके मित्र अपनी जेब से खर्च कर पूरा कर रहे हैं.
ऐसे हुई कहानी की शुरुआतपवन जैदका दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में बतौर कम्प्यूटर प्रबंधन विशेषज्ञ काम करते थे. पवन की कार्यशैली को देखते हुए रिटायरमेंट के बाद अमेरिकी सरकार ने उन्हें अमेरिका की नागरिकता और नौकरी का प्रस्ताव दिया था. लेकिन बाघों के संरक्षण को अपना जीवन समर्पित कर चुके पवन ने इस प्रस्ताव को नकार दिया. पवन बताते हैं कि साल 2008 में वह पहली बार जंगल गए थे. जहां उन्हें एहसास हुआ कि प्रकृति ही भगवान है.
बाघ है प्रकृति का रक्षकपवन के अनुसार बाघ भगवान शिव की प्रकृति की रक्षा करता है और प्रकृति से खिलवाड़ करने पर विध्वंसक भी बन जाता है. जिसके बाद यह सिलसिला शुरू हो गया और पवन देश के अलग अलग अभयारण्य की सैर करने लगे. इसी दौरान उन्हें बाघ संरक्षण की चुनौतियों के बारे में भी जानकारियां में लगी. जिसपर कार्य करने के लिए उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक संस्था टाइगर वॉटर लाइफ की शुरुआत की जिसमें वर्तमान समय में 40 से भी अधिक सदस्य हैं. वहीं यह संस्था अब तक लाखों रुपया के संसाधनों को दान कर चुकी है.
पीटीआर के पास बनेगा पवन का आशियानापवन बताते हैं कि उन्होंने देश के अलग अलग इलाकों में बाघों के दीदार किए हैं. लेकिन तराई के ज़िले पीलीभीत में बाघों की को कद काठी है कहीं और नहीं देखी. पवन जल्द ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नजदीक आशियाना बनाने पर विचार कर रहे हैं.
Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 09:22 IST