पीलीभीत. बीते दिनों पीलीभीत के कुछ अनुभवी बाघ मित्र अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ मित्र मॉडल को साझा करने गए थे. अब उत्तराखंड की नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ने भी इसे मुफीद माना है और पीलीभीत के बाघ मित्रों को वहां के वॉलेंटियर्स को ट्रेनिंग देने के बुलाया है.उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के जंगल में बाघों का कुनबा पनपते देख जून 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व को स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी. एक तरफ पीलीभीत में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी तो वहीं बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष की परिस्थितियां भी बनती जा रही थी. इसी से निपटने के लिए वर्ष 2019 में WWF (विश्व प्रकृति निधि)ने बाघ मित्र प्रोजेक्ट को एक प्रयोग के तौर पर लॉन्च किया था.11 बाघ मित्रों की टीम नंधौर रवानाबाघ मित्र प्रोजेक्ट पीलीभीत में इस कदर कारगर साबित हुआ कि अब स्थानीय अभ्यारण्यों के साथ ही साथ अन्य प्रदेशों में भी लागू किया जा रहा है. बीते दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ मित्र बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ मित्र मॉडल के गुर सिखा के आए थे. वहीं अब पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ने भी इस मॉडल को कारगर समझते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ मित्रों को आमंत्रित किया है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बतौर WWF (विश्व प्रकृति निधि) परियोजना अधिकारी तैनात नरेश कुमार की अगुआई में 11 बाघ मित्रो का एक दल नंधौर के लिए रवाना हो गया है.नज़ीर बनी बाघ मित्रों की टीमअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघ मित्रों के चलते पीलीभीत टाइगर रिज़र्व का सूचना तंत्र काफी हद तक मज़बूत हुआ है. यह टीम देश भर के लिए नज़ीर साबित हो रही है.FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 19:04 IST