सनन्दन उपाध्याय/बलिया: पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए भिन्न-भिन्न तरीके को अपनाने वालों के बारे में तो अपने तमाम सुना होगा. लेकिन आज जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैशायद उसको सुनकर आपको भी पर्यावरण से अथाह प्रेम और लगाव हो जाएगा. हम बात कर रहे हैं चंद्र मोहन द्विवेदी की. जो पेशे से अध्यापक तो हैं.लेकिन शौक बागवानी का है. अपने शौक में इतना डूब गए हैं की पौधे, फल और फूल के बीच में जब तक न जाए तब तक आत्मा को संतुष्टि नहीं मिलती है. पौधों से ऐसी लगन लग गई है कि इन्होंने अपने घर को ही बागवानी बना दिया है.
मोहन द्विवेदी बताते हैं कि बलिया में 80 – 90 के दशक में पुष्पांजलि के बैनर तले लगी फूलों की प्रदर्शनी ने मेरे अन्दर पौधों के प्रति प्रेम भर दिया. ऐसी लगन लग गई कि मैं धीरे-धीरे अपने घर को ही बागवानी बना दिया. इससे इतना अथाह लगाव हो गया कि आज कहीं बाहर जाने पर इन पेड़ पौधों का याद आने लगता है. इन पेड़ पौधों के बिना एक पल भी रहना हमारे लिए मुश्किल की घड़ी होती है. इनको देखने मात्र से पता लग जाता है कि इनका क्या चाहिए.
घर के बागवानी की देख-रेखघर के द्वार से शुरू होती है इस बागवानी की कहानी. नीचे एक से बढ़कर एक पौधे, फल और फूल तो वही छत पर एक से एक पौधे लगाए गए हैं. जिनको सुरक्षित रखने के लिए घर पर ही खाद बनाया जाता है. और जरूरत के हिसाब से कुछ बाजार से भी खाद लाकर पौधों की देखरेख की जाती है. साल में लगभग ₹15,000 का खर्चा इन पौधों के देखरेख में लगता है. वर्तमान में लगभग 600 से अधिक पौधे घर में लगाए गए हैं.
अलग-अलग प्रजातियों के पौधे- फूलइस बागवानी में अनेकों पौधे और फूल लगे हैं. जिनमें तमाम अलग-अलग प्रजातियां भी हैं. जैसे पेपर फ्लावर 18, बागेन बेलिया 22, गुलाब 26, खास झुमका नामक फूल, साईकस 10, फाईकस 04, अश्वगंधा, डफन बिछिया 08, सतावर 04, टिकोमा फूल 02, अडहुल के 08 प्रजातियां हैं इसके अलावा लोलिना अनोखा पौधा, गरम मसाला मनोमुताबिक देता है सुगंध ऐसे इत्यादि तमाम पौधे जहां अगल-बगल के पर्यावरण को सुगंधित और शुद्ध करते हैं. तो वही यहां एक अलग तरह की आत्मीय संतुष्टि भी मिलती है.
.Tags: Ballia news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 21:32 IST
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