शाहजहांपुर: खरीफ के मौसम में आमतौर पर धान की रोपाई जून से लेकर जुलाई तक की जाती है. लेकिन धान की ऐसी बहुत सी किस्में हैं जिनकी रोपाई अगस्त के महीने में की जा सकती हैं. खासकर यह किस्म में बाढ़ के बाद नष्ट हुई फसलों की जगह पर रोपी जा सकती हैं. धान की ये किस्में 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इन किस्मों को बेहद कम पानी में तैयार किया जा सकता है.कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम दिनों में पकने वाली धान की रोपाई की जा सकती है. यहां किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलेगा. जिन किसानों के पास बासमती धान की पौध मौजूद हो वह धान की फसल की रोपाई कर सकते हैं.115 दिन में फसल होगी तैयारडॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बासमती धान की किस्म PB-1509, PB-1609, PB- 1692 और PB-1847 जो कि 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. बासमती धान की इन किस्म की रोपाई अभी भी की जा सकती है. कम दिनों में पकने वाली धान की इन किस्मों से किसान बेहद अच्छा मुनाफा ले सकते हैं.कम दिनों की पौध की करें रोपाईडॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बासमती धान की इन किस्मों की रोपाई करते समय ध्यान रखें कि अगर किसानों को पौध मिल जाए तो वह रोपाई कर दें. बासमती धान की 25 से 28 दिन तक की ही पौध की ही रोपाई करें. जिससे पौधे में ज्यादा कल्ले आएंगे और पैदावार भी अच्छी मिलेगी. बासमती धान की इन किस्मों से 18 से 20 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर के उपज ली जा सकती है.FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 16:56 IST