bachedani ki ghath Uterine fibroid ovarian cyst non surgical treatment with yoga practice | बिना चीर फाड़ बच्चेदानी की गांठ का इलाज, फाइब्रॉइड्स के लिए 5 योगासन, बिना दवा सिकुड़ने लगेगा ट्यूमर

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bachedani ki ghath Uterine fibroid ovarian cyst non surgical treatment with yoga practice | बिना चीर फाड़ बच्चेदानी की गांठ का इलाज, फाइब्रॉइड्स के लिए 5 योगासन, बिना दवा सिकुड़ने लगेगा ट्यूमर



बच्चेदानी की गांठ जिसे फाइब्रॉइड भी कहा जाता है, महिलाओं में होने वाली बहुत ही दर्दनाक मेडिकल कंडीशन है. ये आमतौर पर हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है. कई बार शुरुआती स्टेज पर इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. लेकिन इसके सबसे कॉमन सिम्टम्स में हैवी पीरियड्स पेट में दर्द और बार-बार पेशाब लगना शामिल है. फायब्रॉइड का इलाज इसके आकार पर निर्भर करता है. ऐसे में कई बार इसमें सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ जाती है. 
लेकिन रिसर्च गेट में प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, फाइब्रॉयड को बिना सर्जरी भी ठीक किया जा सकता है. एक 43 साल की महिला के बच्चेदानी की गांठ को बिना सर्जरी योग की मदद से ठीक किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर दिन 2 बार तीन महीनों तक योगासन करने से गांठ सूखने लगे थे. इसमें ये 5 योग मुख्य रूप से शामिल थे-    

बच्चेदानी में गांठ के लिए योगासन-
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक ऐसा आसन है जो पूरे शरीर को गर्म करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है. यह गर्भाशय के आसपास के मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.
ताड़ासन (पर्वतासन)
ताड़ासन या पर्वतासन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है और शरीर को संतुलित करता है. यह पेट के अंगों के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है और गर्भाशय के रक्त प्रवाह को बढ़ाता है.
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन शरीर को लचीला बनाता है और पेट के अंगों को मजबूत करता है. यह तनाव को कम करने में मदद करता है और हार्मोन के स्तर को संतुलित करता है.
नौकासन
नौकासन पेट के अंगों को मजबूत बनाता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. यह गर्भाशय के रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और पीठ दर्द को कम करने में मदद करता है.
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और थायराइड ग्रंथि के कार्य को बेहतर बनाता है. यह तनाव को कम करने में मदद करता है और हार्मोन के स्तर को संतुलित करता है.
फाइब्रॉइड ट्यूमर के लिए योग क्यों प्रभावी है?
योग तनाव को कम करने में मदद करता है, जो फाइब्रॉइड्स के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है. इसके साथ ही योग से  ब्लड सर्कुलेशन और हार्मोन्स बैलेंस रहते हैं जो यूट्रस के गांठ को सुखाने का काम करते हैं. 
फायब्रॉइड में योग से पहले ध्यान रखें ये बातें-
योग करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें. किसी योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में योग करें. योग के दौरान यदि आपको कोई दर्द हो तो तुरंत रुक जाएं.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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