Babar Azam is better than Virat Kohli in consistency claims pakistan world cup winner aaqib javed | विराट से बेहतर हैं बाबर आजम.. PAK के विश्व विजेता खिलाड़ी का अजीब दावा, मचा घमासान!

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Virat Kohli vs Babar Azam: भारत के दिग्गज विराट कोहली और और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान बाबर आजम के बीच अक्सर तुलना होती है. कुछ विराट को बेहतर बताते हैं तो कुछ बाबर के पक्ष में अपनी बात रखते हैं. अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जाहिर तौर पर पूर्व कप्तान विराट आगे दिखते हैं. इस बीच पाकिस्तान के विश्व विजेता खिलाड़ी ने अजीब दावा किया है. उन्होंने बाबर को एक मामले में विराट से बेहतर बताया है.
विश्व विजेता खिलाड़ी ने बाबर को बताया बेहतरपाकिस्तान के विश्व कप विजेता आकिब जावेद ने बाबर आजम बनाम विराट कोहली की बहस पर जोर दिया है. उन्होंने बाबर और रोहित शर्मा के बीच कप्तानी के अंतर को भी जोड़ा. वर्ल्ड चैंपियन और पाकिस्तान के पूर्व पेसर आकिब जावेद (Aqib Javed) ने इस बहस पर जोर दिया है कि बेहतर बल्लेबाज कौन है – विराट कोहली या बाबर आजम. कोहली को खेल के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक माना जाता है, लेकिन बाबर तेजी से भारतीय सुपरस्टार के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं.
‘बाबर की तरह निरंतरता नहीं हैं’
जावेद ने यूट्यूब चैनल इवेंट्स एंड हैपनिंग्स स्पोर्ट्स पर कहा, ‘वह बाबर आजम की तरह निरंतर नहीं हैं. कोहली मौजूदा सीजन में कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि एक सीजन में वह अद्भुत हैं, तो दूसरे सीजन में गिरावट आ सकती है.’ भारत की मेजबानी में इसी साल वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है. इस आईसीसी टूर्नामेंट करीब आने के साथ जावेद ने बाबर की कप्तानी और नेतृत्व कौशल की तारीफ की. उनका मानना ​​है कि यह पाकिस्तान के पास इस वैश्विक टूर्नामेंट को जीतने का सबसे अच्छा मौका है.
पाकिस्तान के टीम कॉम्बिनेशन पर बात
51 साल के इस पूर्व क्रिकेटर ने पाकिस्तानी टीम कॉम्बिनेशन और संतुलन की सराहना की. उनका मानना है कि पाकिस्तान की पूरी टीम सही आयु वर्ग की है और भारत को कुछ बड़े सितारों की कमी से निपटना मुश्किल हो सकता है. जब उनसे पूछा गया कि वह एक कप्तान से किन गुणों की उम्मीद करते हैं तो जावेद ने कहा, ‘एक अच्छे कप्तान में 2-3 गुण होने चाहिए. एक तो उस हद तक प्रदर्शन करना है जहां वह टीम को प्रेरित करे और एक कप्तान के रूप में टीम का आगे बढ़कर नेतृत्व करे. एक और गुण होना चाहिए वह है एक खिलाड़ी के रूप में अपने साथियों को उनकी क्षमताओं पर विश्वास दिलाने की काबिलियत. मैंने कुछ ऐसे कप्तान देखे हैं जो अपने खिलाड़ियों को लगातार परखते रहते हैं और वे हमेशा दबाव में रहते हैं. इससे टीम के भीतर स्वार्थ को जगह मिल सकती है जो अच्छा नहीं है. तीसरा है टीम के संबंध में निर्णय लेते समय निष्पक्ष और ईमानदार रहना. तो ये छोटी चीजें हैं जो मायने रखती हैं.’



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