सृजित अवस्थी/पीलीभीत: इन दिनों तराई के वन व वन्यजीव किन्हीं न किन्हीं कारणों से सुर्खियों में बने हुए हैं. बीते दिनों पीलीभीत में दीवार पर बैठी बाघिन दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी थी. वहीं हाल ही में पूर्वी तराई वन प्रभाग की सुरई रेंज से भी एक संकट में पड़ी बाघिन की तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर को फ़िल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी शेयर किया है. जिसके बाद उत्तराखंड के वन विभाग के साथ ही साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है.
जानकारी के मुताबिक तराई पूर्वी वन प्रभाग की सुरई रेंज में बीते कुछ समय से एक टाइगर के पेट में तार फंसा हुआ देखा जा रहा था. लेकिन यह मामला सुरई रेंज के स्थानीय अधिकारियों तक ही सीमित था. लेकिन बीती 22 दिसम्बर को अशूल हांडू नामक एक वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर सुरई की सफारी पर आए थे. इसी दौरान उनकी नजर तार से जकड़ी इस बाघिन पर पड़ी. उन्होंने इस बाघिन की तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली और उसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर कर दिया. जिसके बाद मामले ने सुर्खियां बटोरना शुरू कर दीं.
रणदीप हुड्डा की गुहार आई कामबाघिन के तार में जकड़े होने का मामला तब ज़्यादा हाईप्रोफाइल हो गया जब रणदीप हुड्डा ने इसे बचाने की अपील की. दरअसल हाल ही में रणदीप हुड्डा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तार में जकड़ी बाघिन का फोटो शेयर करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी व उत्तराखंड वन विभाग से इसे बचाने की अपील की थी. इसके बाद से ही उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के वन विभागों में हड़कंप मचा हुआ है.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व से जुड़ी है सीमादरअसल पूर्वी तराई वन प्रभाग की सुरई रेंज कुछ दशकों पहले तक पीलीभीत के अन्तर्गत ही आती थी. लेकिन उत्तराखंड विभाजन के बाद इस रेंज की ज़िम्मेदारी उत्तराखंड वन विभाग के जिम्मे आ गई. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज व पूर्वी तराई वन प्रभाग की सुरई रेंज सीमा साझा करती हैं. वहीं यह सरहद विभागीय तौर पर तो बना दी गई है लेकिन जंगलों में भौगोलिक रूप से बिल्कुल भी अंतर नहीं है. ऐसे में दोनों ही रेंज में वन्यजीव बेरोकटोक विचरण करते हैं. यही कारण है कि सुरई रेंज में बाघिन के तार में फंसे होने का मामला तूल पकड़ने के बाद PTR प्रशासन ने भी निगरानी बढ़ा दी है. वहीं महोफ रेंज में कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं.
जानकारों ने ज़ाहिर किया बड़ा खतरापूरे मामले में अधिक जानकारी देते हुए वरिष्ठ वनजीव पत्रकार डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री ने बड़ा खतरा ज़ाहिर किया है. उनके मुताबिक पिछले कई मामलों में देखा गया है कि शिकारी वन्यजीवों को फंसाने के लिए इस तरह के जाल का इस्तेमाल करते हैं. बाघिन की तस्वीर को देखकर प्रथमद्रष्टया इस मामले में भी ऐसा ही नज़र आता है. देखा जाता है कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व से बाघ समेत तमाम वन्यजीव विचरण करते हुए सुरई रेंज तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से यह मामला काफी अधिक संवेदनशील है.
सघन निगरानी में जुटी हैं टीमेंपूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि उच्च अधिकारियों द्वारा निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. महोफ रेंज में टीम गठित कर कैमरों की मदद से निगरानी कराई जा रही है.
.Tags: Local18, Pilibhit news, UP newsFIRST PUBLISHED : January 3, 2024, 20:49 IST
Source link