अंजलि सिंह राजपूत/ लखनऊ: मथुरा, काशी और अयोध्या उत्तर प्रदेश के तीन बड़े पर्यटन स्थल हैं, जहां पर न सिर्फ देश बल्कि विदेशों तक से लोग आते हैं. लेकिन खास मौकों पर यहां के सभी होटल और धर्मशाला बुक होने की वजह से लोगों को ठहरने में दिक्कत होती है. अब लोगों की इसी दिक्कत को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग बड़ा कदम उठाने जा रहा है. मुकेश कुमार मेश्राम जोकि प्रमुख सचिव हैं, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के उनसे जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे अन्य स्थलों पर जिस तरह पर्यटकों की संख्या बढ़ी है, उसको देखते हुए होटल निर्माण के मानकों में सहूलियत दी गई है. जो अन्य छूट दी गई है उसमें 15 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवनों के सामने पांच मीटर, पीछे तीन मीटर और अगल-बगल तीन-तीन मीटर का सेट बैक छोड़ना होगा. प्रति हजार वर्ग मीटर निर्माण पर कार पार्किंग स्थल छोड़ना जरूरी होगा. इससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर होटल निर्माण होगा. केवल जीआईएस में आए निवेश प्रस्ताव की बात करें तो लगभग दो लाख कमरे बढ़ेंगे और तीन लाख रोजगार का सृजन होगा.
ऐसे होगा निर्माण
पर्यटन विभाग के निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि इसके बाद भूमि उपयोग 50% बढ़ जाएगा. परिणामस्वरूप इतनी भूमि पर 1.5 गुना अधिक कमरे बनाए जाएंगे. हर नया होटल कमरा 1.5 नौकरियां पैदा करता है, जिससे आने वाले वर्षों में रोजगार में भारी वृद्धि होगी.
होटल खोलना आसान होगा
उन्होंने बताया कि अब होटल खोलना और आसान होगा. आवास विभाग ने इसके लिए नियमों को शिथिल कर दिया है. छह कमरों से 20 कमरों तक के होटल खोलने के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल की बाध्यता नहीं होगी. आवासीय क्षेत्रों में यह नौ मीटर चौड़ाई वाली सड़क पर खोला जा सकेगा. अब 20 कमरों से अधिक का होटल के निर्माण के लिए न्यूनतम 500 वर्ग मीटर जमीन की ही जरूरत होगी. आवासीय क्षेत्र में 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ऐसे होटल बनाए जा सकेंगे. गैर आवासीय क्षेत्रों में सभी तरह के होटल बनाने के लिए सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होना जरूरी है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 15:58 IST