हाइलाइट्सवेदांती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमला बोला हैसुप्रीम कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने पर उठाया सवालअयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण पर है. नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह कहा जाने लगा था कि लगभग 500 वर्षों से चली आ रही हिंदू-मुस्लिम की यह लड़ाई अब खत्म हो जाएगी. लेकिन सच्चाई यह है कि मामले का पूरी तरह से पटाक्षेप अभी तक नहीं हो पाया है. यही कारण है कि बाबरी विध्वंस के मामले पर हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्षकार के द्वारा अपील दायर है. बाबरी विध्वंस के मामले पर हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्षकार के द्वारा अपील किए जाने पर बाबरी विध्वंस के आरोपी रहे भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने हाजी महबूब के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है. वेदांती ने हाजी महबूब पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों और मुस्लिम संगठनों से पैसा लेने के लिए इस तरह का षड्यंत्र कर रहे हैं.
पूरे मामले में डॉ. वेदांती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में साफ हो चुकी है. समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने के लिए हाजी महबूब के जरिए दोबारा से पूरे मामले को जीवित करना चाहती है. उन्होंने मुस्लिम वोट को प्राप्त करने के लिए अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने जानबूझकर मुकदमा दायर करवाने का काम किया है.
हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दिया जा सकता
पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट के सामने चुनौती नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि हम लोगों को बरी किए जाने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जहां पर रामलला विराजमान है. वहीं पर रामलला का मंदिर था और भारत सरकार ट्रस्ट का गठन कर भव्य रामलला के मंदिर का निर्माण करें. साथ ही कोर्ट के आदेश पर मुसलमानों को मस्जिद का निर्माण करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जमीन भी दिया गया है.
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुए बाबरी विध्वंस के मामले में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, चंपत राय, महंत नृत्य गोपाल दास समेत देश की कई नामचीन हस्तियों को आरोपी बनाया गया था. पूरे मामले का मुकदमा लंबे समय तक सीबीआई कोर्ट में चलता रहा. जिसके बाद नवंबर 2019 में राम मंदिर पर फैसला आने के बाद बाबरी विध्वंस के आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया था. बाबरी विध्वंस के आरोपियों के बरी किए जाने के बाद हाई कोर्ट में दोबारा मुस्लिम पक्ष की तरफ से याचिका दायर की गई जिसकी सुनवाई 18 जुलाई को है. जिसमें बाबरी विध्वंस के आरोपियों को सजा दिलाए जाने के लिए पुनर्विचार का निवेदन मुस्लिम पक्षकार की तरफ से किया गया है.
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