सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: वैसे तो प्रभु राम की नगरी में राम मंदिर का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है, लेकिन राम नगरी की प्राचीन पहचान प्राचीन मेलों से है. अयोध्या में पड़ने वाले तीन प्रमुख मेले में सबसे प्रमुख है सावन माह का मेला, जहां सभी प्रमुख मठ मंदिरों के विग्रह झूलनोत्सव का आनंद लेते हैं. सावन लगते ही अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों में झूले पड़ जाते हैं और भगवान के विग्रह झूला उत्सव का आनंद लेते हैं.
जहां सावन माह लगते ही भगवान झूला का आनंद लेते हैं, वहीं भगवान को झूलन के पग सुनाए जाते हैं और उन्हें झूला झुलाया जाता है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु भगवान के झूला उत्सव का आनंद आंखों से देख कर आनंदित होते हैं. भगवान राम की नगरी सावन माह में भगवान शिव के जयकारों से गुंजायमान होती है और इसी मौके पर राम नगरी के सभी प्रमुख मंदिरों में भगवान के विग्रह झूलों का आनंद लेते हैं यह सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा है जिसका प्रचलन आज भी राम नगरी में देखने को मिलता है.
दिव्य दर्शन पाकर भक्त हो रहे मंत्रमुग्धकहते हैं कि भगवान का भक्त से अनोखा मिलन होता है भावनाएं भगवान का सानिध्य प्राप्त कराती हैं तो वही भक्त भी अपने आराध्य को झूलन पर सवार देखकर भक्ति भाव में सराबोर नजर आते हैं. यह नजारा इस बार पूरे 2 महीने देखने को मिलेगा. क्योंकि इस बार सावन माह में अधिक मास लग रहा है. लिहाजा मठ मंदिरों में भगवान के झूलों का आनंद पूरे 2 महीने तक लेंगे. इस प्राचीन परंपरा का आज भी निर्वहन राम नगरी के प्रमुख मठ मंदिरों में देखने को मिलता है.
सावन में 16 प्रकार की भगवान की होती है आरतीरंग महल मंदिर के महंत रामशरण दास बताते हैं कि रंग महल मंदिर में झूलन उत्सव का आयोजन सावन के पुनवासी से शुरू हो जाता है जो रक्षाबंधन तक चलता है. इस साल अयोध्या में झूलन उत्सव का कार्यक्रम 2 महीने तक चलेगा. यह आचार्यों की बनाई गई परंपरा है. सैकड़ों वर्ष पुराने इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है. सावन के महीने में 16 प्रकार की भगवान की आरती होती है. अनेकों प्रकार से भगवान की सेवा ही की जाती है भक्त से लेकर भगवान तक सब सावन के महीने में झूलन उत्सव का आनंद लेते हैं.
.Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Local18, SawanFIRST PUBLISHED : July 05, 2023, 23:36 IST
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