रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. ‘गंगा बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़ा प्रयाग, सबसे बड़ी अयोध्या जहां राम लिहींन अवतार’-सप्तपुरियों में एक धर्म नगरी अयोध्या पूरे विश्व में हिंदू सनातन धर्म संस्कृति की एक नगरी है. रामनगरी अयोध्या में आज भी त्रेता युग से जुड़ी कई धरोहरें मौजूद हैं, जो प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को जीवंत करती हैं. फिर चाहे बात रामलला के जन्म स्थान की हो, या राजा दशरथ के महल की या फिर फिर रानी कैकई के महल कोप भवन की. जहां से प्रभु श्रीराम को वनवास और भरत को सिंहासन की मांग उठी थी. आज हम उसी भवन की तस्वीरें और उससे जुड़ी जानकारियां आपको बताने जा रहे हैं.
राम जन्मभूमि परिसर में स्थित कोप भवन खंडहर ही सही लेकिन आज भी अयोध्या नगरी में मौजूद है. जहां राजा दशरथ भी नतमस्तक हो गए थे. NEWS 18 LOCAL की टीम जब उस भवन के पास पहुंची तो देखा कि वह भवन राम जन्मभूमि परिसर में आज भी स्थित है. जिसे कोप भवन के नाम से जाना जाता है. जहां नाराज होकर चक्रवर्ती राजा दशरथ की पत्नी रानी के कैकई चली गई थीं. इस भवन का उल्लेख रामायण में भी मिलता है.
जब मंथरा की बातों में आ गईं रानी कैकईNEWS 18 LOCAL से बात करते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि जब भगवान राम का राज्याभिषेक होने वाला था. तब रानी कैकई की सबसे प्रिय कहे जानी वाली दासी मंथरा ने कैकई के मन में प्रभु श्रीराम के खिलाफ विष को घोल दिया था. मंथरा ने कैकेई को राजा दशरथ से दो वरदान मांगने को कहा था, जिसमें एक था प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का बनवास और दूसरा पुत्र भरत के लिए सिंहासन. मंथरा की बातों में आकर रानी कैकई ने सारे वस्त्र-आभूषण त्याग कर मलिन वस्त् धारण कर लिया और कोप भवन में जाकर बैठ गईं. इस बात की जानकारी जैसे ही राजा दशरथ को मिली वो कैकई को मनाने के लिए कोप भवन पहुंचे और इसका कारण पूछा. तब कैकई ने कहा कि, पहले आप राम की सौगंध लीजिए कि, जो मैं मांगूगीं आप उसे पूरा करेंगे. राजा दशरथ ने रानी के कई की बात मानी और सौगंध ली. जिसके बाद रानी कैकई ने अपने दोनों वर मांगा, जिसे सुनते ही राजा मूर्छित हो गए और कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई.
राजा दशरथ ने क्यों दिए थे कैकई को दो वरदान?दरअसल एक बार राजा दशरथ के साथ रानी कैकेई ने बहुत ही बहादुरी के साथ युद्ध लड़ा था जिसमें रानी कैकेई के कारण राजा दशरथ की जीत हुई थी. उसी युद्ध के बाद राजा दशरथ ने कैकई से कहा कि कोई दो वर मांग लीजिए. तब रानी कैकई ने कहा थी कि अभी नहीं जब जरूरत होगी तब मैं मांग लूंगी. ऐसे में राजा दशरथ अपने दिए वरदान और वचन में बंध गए थे. कोप भवन की जानकारी बताते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि आज भी यह भवन अयोध्या में स्थित है. जहां रानी के कैकई को मनाने राजा दशरथ पहुंचे थे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ayodhya NewsFIRST PUBLISHED : November 12, 2022, 12:31 IST
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