अश्विन के बाद एक और दिग्गज ने सीरीज के बीच लिया संन्यास, 14 साल चला करियर, खेल लिए 100 टेस्ट मैच

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अश्विन के बाद एक और दिग्गज ने सीरीज के बीच लिया संन्यास, 14 साल चला करियर, खेल लिए 100 टेस्ट मैच



Dimuth karunaratne Retiremet: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में भारत के दिग्गज खिलाड़ी आर अश्विन ने संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था. अब श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी दिमुथ करुणारत्ने ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच संन्यास का ऐलान कर दिया है.  श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से यहां शुरू होने वाला दूसरा और अंतिम टेस्ट मैच उनका 100वां टेस्ट मैच होगा. करुणारत्ने श्रीलंका के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक रहे. 
14 साल तक चला करियर
करुणारत्ने का इंटरनेशनल करियर 14 साल तक चला. उन्होंने अभी तक 99 टेस्ट मैचों में 40 से थोड़ा कम की औसत से 7,172 रन बनाए हैं, जिसमें 16 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं. पूर्व कप्तान ने 50 एकदिवसीय मैचों में भी एक शतक और 11 अर्द्धशतक के साथ 1,316 रन बनाए हैं. ‘डेली एफटी’ के अनुसार 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले करुणारत्ने ने कहा, ‘एक टेस्ट खिलाड़ी के लिए एक साल में केवल चार टेस्ट खेलने और अपनी फॉर्म बनाए रखने के लिए खुद को प्रेरित रखना बहुत मुश्किल होता है.’
फैमिली को देंगे टाइम
उन्होंने आगे कहा, ‘डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) शुरू होने के बाद पिछले दो-तीन वर्षों में हमने बहुत कम द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेली हैं. मेरी वर्तमान फॉर्म, मेरे 100 टेस्ट मैच पूरे करना और डब्ल्यूटीसी के वर्तमान चक्र (2023-25) का पूरा होना भी अन्य कारण हैं. मुझे लगा कि संन्यास लेने का यह सही समय है.’ करुणारत्ने की योजना अब अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में बसने की है.
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साथियों से इस बारे में की चर्चा
करुणारत्ने ने कहा, ‘मेरी अपनी कुछ निजी योजनाएं हैं. मैंने एंजी (एंजेलो मैथ्यूज) और चांडी (दिनेश चांडीमल) जैसे अन्य सीनियर खिलाड़ियों से बात करने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया है. हम तीनों के एक ही समय में संन्यास लेने के बजाय, हमारे लिए एक-एक करके संन्यास लेना बेहतर होगा. मैंने सोचा कि मैं पहले संन्यास ले लूंगा क्योंकि मुझे पता है कि जितने कम टेस्ट मैच खेले जा रहे हैं उन्हें देखते हुए मैं टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने के अपने अगले लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाउंगा. मैंने अब तक जो हासिल किया है उससे मैं खुश हूं. मैं अपने 100वें टेस्ट में खेलने जैसे सुखद पल के साथ अपने संन्यास की घोषणा करना चाहता हूं.’



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