Team India: दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह के संन्यास के बाद से टीम इंडिया को अब तक उनकी स्टाइल का विस्फोटक बल्लेबाज नहीं मिल पाया है. युवराज अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. वह शुरू में भले ही सेट होने में थोड़ा समय लगाते थे, लेकिन एक बार क्रीज पर जमने के बाद वह गेंदबाजों के लिए खतरनाक साबित होते थे. हालांकि टीम इंडिया को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आने वाले समय में उसे ऐसा एक बल्लेबाज मिल सकता है जो युवराज की कमी को पूरा कर सकता है. हम बात कर रहे हैं महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर की.
अर्जुन ने अपने रणजी करियर की जैसे शुरुआत की, उससे ये लगने लगा है कि अब वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब वह टीम इंडिया की जर्सी में खेलते दिखेंगे. अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी डेब्यू गोवा की टीम से खेलते हुए किया. अर्जुन ने रणजी करियर की अपनी पहली पारी में 207 गेंदों में 120 रन बनाए. उन्होंने राजस्थान के खिलाफ मैच में 16 चौके और 2 छक्के लगाए. वह कमलेश नगरकोटी की गेंद पर आउट हुए. अर्जुन ने सुयाश प्रभुदेसाई के साथ मिलकर 221 रनों की साझेदारी की.
अपनी इस शानदार पारी पर अर्जुन तेंदुलकर ने कहा, मुझे अपनी क्षमता पर विश्वास था. मैं पहले सेट होना चाहता था. एक बार सेट होने के बाद आप जहां चाहे वहां रन बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं हर मैच और हर गेंद उसकी मेरिट के आधार पर खेलता हूं. अभी मेरा लक्ष्य इस मैच को जीतने पर है.
कोच योगराज सिंह से मिली तारीफ
अर्जुन तेंदुलकर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह से ट्रेनिंग ले रहे हैं. अर्जुन की पारी पर योगराज ने कहा, अच्छा खेले मेरे बेटे. एक दिन तुम महान ऑलराउंडर बनोगे. मेरी बातों को नोट कर लो. बता दें कि योगराज की पहचान एक कड़क कोच की रही है. उन्होंने कहा, सितंबर के पहले हफ्ते में मेरे पास युवराज सिंह की कॉल आई. उन्होंने मुझसे कहा कि पापा अर्जुन दो हफ्ते के लिए चंडीगढ़ में होगा और सचिन ने मांग की है कि आप उसको ट्रेनिंग दो. मैं सचिन को कैसे नहीं बोल सकता था. वह मेरे बड़े बेटे की तरह है.
योगराज ने कहा, मैंने युवी से कहा कि तुम्हें मेरे ट्रेनिंग के तरीके के बारे में पता है. मैं नहीं चाहता है कि बीच में कोई आए. योगराज सिंह के मुताबिक, अर्जुन ने मेरे साथ दो हफ्ते बिताए और वो दो हफ्ते के लिए उनके लिए बूट कैंप की तरह थे. योगराज सिंह ने आगे कहा, मैंने अर्जुन को पहले बोल दिया था कि 15 दिन के लिए भूल जाओ कि तुम सचिन तेंदुलकर के बेटे हो. उसके लिए सचिन की परछाई से बाहर निकलना सबसे जरूरी था.
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