Arjun Tendulkar century Ranji trophy debut compare to his father Sachin Tendulkar who once wants to be pacer | Arjun Tendulkar: ‘क्रिकेट के भगवान’ का अधूरा ख्वाब पूरा कर पाएंगे अर्जुन तेंदुलकर, शतक नहीं ये…

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Arjun Tendulkar Century on Ranji Trophy Debut : सचिन तेंदुलकर, केवल एक नाम नहीं है. बहुत से लोगों के लिए दिग्गज, कइयों के लिए आइडल और कुछ के लिए एक ‘क्रिकेट का भगवान’ जिसकी वो पूजा करते हैं. सचिन को भले ही संन्यास लिए कई बरस हो चुके हैं लेकिन आज भी स्टेडियम तक भीड़ लाने के लिए ये नाम ही काफी है. सचिन का कद भले ही छोटा था लेकिन क्रिकेट करियर उतना ही लंबा. उन्होंने इस करियर के दौरान कई कीर्तिमान रचे और तोड़े. आज भी कई विश्व रिकॉर्ड सचिन के नाम हैं लेकिन उनका एक ख्वाब अधूरा रह गया. अब उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर पर ये जिम्मेदारी आ गई है.
अर्जुन ने रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर जड़ा शतक
सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने गोवा के लिए रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया. उन्होंने इस प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट के अपने पहले ही मैच में शतक जड़ा. उन्होंने मैदान पर उतरने के बाद से ही अपने तेवर दिखाए और राजस्थान के खिलाफ ग्रुप-सी मैच में शानदार बल्लेबाजी की. अर्जुन ने 207 गेंदों का सामना किया और 120 रन बनाए. जिस तरह वह खेले, उनमें एक स्थापित ऑलराउंडर की झलक देखने को मिली. अर्जुन ने अपनी पारी में 16 चौके और 2 छ्क्के जड़े.
अपने ही पिता के रिकॉर्ड की बराबरी
अर्जुन ने इस दौरान अपने ही पिता के एक रिकॉर्ड की बराबरी की. सचिन तेंदुलकर ने साल 1988 में रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया. उन्होंने मुंबई के लिए अपने पहले रणजी ट्रॉफी मैच में शतक जमाया था. अब अर्जुन ने भी उनकी ही तरह अपने पहले मैच में शतक जड़ा. गोवा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 8 विकेट पर 493 रन बना लिए थे. राजस्थान के कप्तान अशोक मेनारिया ने मैच में टॉस जीता और पहले फील्डिंग का फैसला किया था.
पेसर बनना चाहते थे सचिन
सचिन ने यूं तो कई रिकॉर्ड तोड़े और बनाए लेकिन दिलचस्प है कि वह बल्लेबाज नहीं बल्कि एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. सचिन अपने इस सपने को पूरा करने के मकसद से चेन्नई की एमआरएफ पेस अकादमी भी गए, लेकिन तब वहां मुख्य कोच की भूमिका निभा रहे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज डेनिस लिली ने उन्हें वापस भेज दिया था. लिली ने सचिन से कहा था कि वह तेज गेंदबाज नहीं बन सकते. सचिन को निराशा तो मिली लेकिन हार नहीं मानी और बल्लेबाजी में कीर्तिमान रचे. सचिन का एक तेज गेंदबाज बनने का ख्वाब जरूर अधूरा रह गया लेकिन अर्जुन एक पेस-ऑलराउंडर के तौर पर अपनी जगह बना रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि अर्जुन जरूर अपने पिता का अधूरा ख्वाब पूरा करेंगे.
करियर का पहला शतक
अर्जुन ने रणजी ट्रॉफी डेब्यू से पहले तक लिस्ट ए क्रिकेट में 8 जबकि टी20 में कुल 12 विकेट लिए हैं. यह उनके ओवरऑल करियर का पहला शतक भी है जो उन्होंने पोरवोरिम के मैदान पर जड़ा. वह टूर्नामेंट में दर्शन मिसल की कप्तानी में खेल रहे हैं. अर्जुन मैच में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी को उतरे थे. उनके अलावा सुयश प्रभुदेसाई ने दोहरा शतक जमाया और 212 रनों की शानदार पारी खेली. 
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