मेरठ:-पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से 40 किलोमीटर दूर हस्तिनापुरएक बार फिर से चर्चाओं में है.अबकी बार हस्तिनापुर की चर्चा उस इतिहास को लेकर की जा रही है.जिस इतिहास के तथ्यों को जानने के लिए हर कोई बेताब है.जी हां हम बात कर रहे हैं हजारों वर्ष पुराने महाभारत कालीन हस्तिनापुर के इतिहास की.जिसके बारे में कहा जाता है कि हस्तिनापुर की धरती में आज भी उस इतिहास के कई ऐसे तथ्य छुपे हुए हैं.जो सामने आएंगे तो हस्तिनापुर अपने उसी पुराने अस्तित्व में लौट आएगा.दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा 69 साल बाद हस्तिनापुर में उत्खनन की कार्यवाही शुरू की है.जिसमें पांडव टीला और उल्टा खेड़ा में विभाग की टीम उत्खनन कर रही है.उत्खननमें ऐसे- ऐसे अवशेष देखने को मिल रहे हैं.जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
हथियार के साथ-साथ मिल रहे हैं मिट्टी के अवशेषजिस हस्तिनापुर को बाढ़ ने अपनी चपेट में बरसों तक रखा.आज उसी हस्तिनापुर की मिट्टी में उत्खनन के समय जो अवशेष मिल रहे हैं.वह अपने आप में ऐतिहासिक उल्लेख हैं.विभाग द्वारा की जा रही खुदाई में जहां लोहे के हथियार मिल रहे हैं.तो वहीं सिलबट्टा, प्राचीन मृदभांड, टेराकोटा के खिलौने, गाड़ी का एक पहिया, टेराकोटा का प्राचीन झावा, हड्डियों के अवशेष देखने को मिल रहे हैं.विभाग द्वारा उन सभी अफसरों को एक जगह एकत्रित कर जांच की जा रही है.
मिट्टी की जांच करने के लिए भी आएगी विशेष टीमउत्खननके बीच जो भी अवशेष मिल रहे हैं.उस स्थान कीमिट्टी की जांच करने के लिए भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की एक टीम जल्द आएगी.बताते चलें कि लंबे समय से यह मांग उठती आ रही है कि हस्तिनापुर की उस ऐतिहासिक धरोहर संस्कृति को एक बार फिर से उजागर किया जाए .
रिपोर्ट विशाल भटनागर मेरठ
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