Aradhana mishra contesting again from rampur khas assembly seat in up elections 2022 pramod tiwari congress bjp nodark

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Aradhana mishra contesting again from rampur khas assembly seat in up elections 2022 pramod tiwari congress bjp nodark



प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) को लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं. इस वक्‍त प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव में प्रचार-प्रसार करने में जुटी हैं. ऐसे में प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि बिल्कुल अलग है. सूबे में लहर चाहे जिस पार्टी की हो, लेकिन रामपुर खास विधानसभा तक पहुंचते ही लहर की गति धीमी पड़ने लगती है. इस विधानसभा से पहली बार 1980 में कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) मैदान में उतरे तो फिर उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि आजकल इस सीट से उनकी बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना (Aradhana Mishra) चुनाव लड़ती हैं.
प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी लगातार नौ बार विधायक बने हैं. वह 1984 से 1989 के बीच दो बार यूपी सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. बहरहाल, नौ बार एक ही पार्टी, एक व्यक्ति, एक सिबल के जरिये चुनावी जीतने के चलते प्रमोद तिवारी का नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज को गया है.
बेटी को सौंपी विरासतवहीं, 9 बार विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद प्रमोद तिवारी 2014 में राज्यसभा का सदस्य बन गए. इसके बाद उन्‍होंने विरासत अपनी बड़ी बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना को सौंप दी है. वह 2014 के विधानसभा उपचुनाव में सफल रहीं, तो 2017 में भी विधानसभा चुनाव में जीतकर अपना दम दिखाया. साथ ही साबित किया कि वह अपने पिता के राजनीतिक वर्चस्व को आगे बढ़ा रही हैं. इस बार फिर कांग्रेस ने उनको मैदान में उतारा है.
क्या कांग्रेस के गढ़ रामपुर खास किला को इस बार भेद देगी बीजेपी?दरसअल प्रमोद तिवारी ने 2014 में अपनी बेटी को रामपुर खास की विरासत को सौंपी तो, लेकिन वह क्षेत्र में अपने पिता जैसी राजनीतिक हनक कायम कर पाने में थोड़ी से असफल नजर आयी हैं. आराधना मिश्रा को 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव में 67 हजार मतों जीत मिली थी, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को ऐसी टक्कर दी कि कांग्रेसियों के होश उड़ गए. इस बार भाजपा प्रत्याशी नागेश उर्फ छोटे सरकार से वह सिर्फ 17066 मतों के अंतर से जीत सकीं. यानी 67 हजार की जीत का आंकड़ा सीधे 17 हजार पर आ गया.
बहरहाल, पिछले लोकसभा चुनाव में रामपुर खास विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता ने कांग्रेस के गढ़ में मामूली बढ़त बना ली थी. इसी आंकड़े के चलते बीजेपी चुनावी जोश हाई है. वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने फिर से कांग्रेस के गढ़ में बिगुल फूंक दिया है और वह प्रमोद तिवारी व उनकी विधायक बेटी आराधना मिश्रा को घेरने की रणनीति बना रही है.
इस चुनाव के लिए भाजपा का रामपुर खास पर फोकसविधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा प्रत्याशी नागेश उर्फ छोटे सरकार की हार के बावजूद पार्टी गदगद है. भाजपा के तमाम नेताओं ने रामपुर खास विधानसभा पर फोकस कर लिया. भाजपा को लग रहा है कि कांग्रेस के गढ़ में जीत का अंतर कम होने के कारण अब इस सीट कर कमल खिलाया जा सकता है. यही वजह है कि इस बार इस सीट पर दिलचस्‍प लड़ाई देखने को मिलने के आसार हैं.

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