अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा अलीगढ़ का ऐतिहासिक स्कूल, खंडहर में हुआ तब्दील

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वसीम अहमद/अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए एक नया गजेटियर तैयार करने का आदेश दिया है. जिसमें अलीगढ़ का नाम भी शामिल है. बता दें कि अलीगढ़ का अंतिम गजेटियर 1909 में तैयार किया गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्रिटिश शासन काल के दौरान सन 1893 में अलीगढ़ के कस्बा छर्रा में एक स्कूल स्थापित किया गया था. इस स्कूल की स्थापना गांव हबीबगंज के नवाब हबीब उर रहमान खान शेरवानी के द्वारा की गई थी.

इस स्कूल का मकसद आसपास के बच्चों को शिक्षा की रोशनी देना था. लेकिन बीते समय के साथ-साथ आज यह स्कूल एक खंडहर में तब्दील हो गया है. 15 से 20 कमरों का एक छात्रावास भी इस परिसर में मौजूद था. जो की दूर दराज से आए छात्रों के लिए बनाया गया था. इस स्कूल में करीब 700 से 800 छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे. सन 1949 के बाद आर्थिक हालत खराब होने की वजह से इसकी भव्यता खत्म होती चली गई और यह स्कूल बंद हो गया.

इंग्लिश और अरबी के साथ लोकल भाषा में शिक्षास्कूल के वारिस अयाज़ शेरवानी बताते हैं कि यह शेरवानी स्कूल 1893 अगस्त में स्थापित हुआ था और यहां मैट्रिक तक की शिक्षा दी जाती थी. उसको मेरे पर नाना अब्दुल रहमान शेरवानी ने दूसरी कई बिरादरियों की मदद से शुरू किया था. उस समय विद्यालय में करीब 700 से 800 बच्चे पढ़ा करते थे. स्कूल में इंग्लिश और अरबी के साथ-साथ कई लोकल भाषाओं की तालीम दी जाती थी. 1893 से लेकर 1949 तक यह स्कूल सही रूप से संचालित रहा.

1949 मे बंद हो गया स्कूलअयाज़ शेरवानी बताते हैं कि इस स्कूल को शुरू करने का मकसद सिर्फ समाज को शिक्षा देना था और जिनके पास पैसे नहीं होते थे . उनको मुफ्त में यह स्कूल शिक्षा देता था. लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे आर्थिक समस्या आने लगी जिसके बाद यह स्कूल 1949 मे बंद हो गया. अब मैं चाहता हूं कि यह स्कूल दोबारा शुरू किया जाए और मैं अपील करता हूं कि कोई आए और इस स्कूल को फिर से शुरू करें. इसके लिए मैं गवर्नमेंट से भी आग्रह करता हूं.
.Tags: Aligarh news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 28, 2024, 19:45 IST



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