IND vs WI, Test: टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर यशस्वी जायसवाल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमनिका में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में धमाकेदार अंदाज में शतक ठोककर इतिहास रच दिया. यशस्वी जायसवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ डोमनिका में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में 350 गेंदों पर 143 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं. यशस्वी जायसवाल ने अभी तक अपनी पारी में 14 चौके लगाए हैं. टेस्ट मैच के तीसरे दिन यानी शुक्रवार को यशस्वी जायसवाल अपने डेब्यू टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ना चाहेंगे. यशस्वी जायसवाल ने अपनी कामयाबी का क्रेडिट टीम इंडिया के एक बल्लेबाज को दिया है.
यशस्वी ने टीम इंडिया के इस खिलाड़ी को दिया अपनी कामयाबी का क्रेडिटडेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने से खुश भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कहा कि यह तो बस ‘शुरुआत’ है और वह अपने करियर को काफी आगे तक ले जाना चाहेंगे. इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने खुलासा किया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले कप्तान रोहित शर्मा के शब्दों ने उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. यह 21 साल का खिलाड़ी तीसरे दिन की समाप्ति पर 143 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद है जिससे भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी बढ़त को 162 रन तक पहुंचा दिया.
अपने पहले ही टेस्ट में जायसवाल ने कैसे जड़ दिया शतक?
जायसवाल ने मैच के बाद कहा, ‘यह तो सिर्फ मेरे करियर का आगाज है. कोशिश करूंगा कि कितना लंबा लेकर जा सकूं.’ इस युवा बल्लेबाज ने 215 गेंद में अपना शतक पूरा किया और इस दौरान रोहित ने उनका शानदार तरीके से साथ दिया. दोनों ने पहले विकेट के लिए 229 रन की साझेदारी की. यह टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की ओर से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी. इससे पहले यह रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर के नाम था. इस जोड़ी ने 2006 ग्रोस आइलेट टेस्ट में 159 रन की साझेदारी की थी.
मैंने काफी कुछ सीखा
जायसवाल ने कहा, ‘बल्लेबाजी के दौरान मैं रोहित से लगातार बात कर रहा था वह मुझे समझा रहे थे कि इस विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी है और कैसे रन निकालने है. हमारे बीच अच्छा कम्युनिकेशन था. वह मैच से पहले भी मेरा हौसला बढ़ा रहे थे, वह कह रहे थे कि मैं अच्छा कर सकता. मैं भी इस बारे में सोच रहा था कि मुझे कैसे रन बनाना है और मानसिक तैयारी कैसी रखनी है. मैंने काफी कुछ सीखा है और इसे जारी रखने की कोशिश करुंगा.’
परिवार ने उत्तर प्रदेश से मुंबई पलायन किया
जायसवाल की अब तक यात्रा काफी प्रेरणादायी रही है. उनके परिवार ने उत्तर प्रदेश से मुंबई पलायन किया, जहां इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में अपनी पहचान बनानी शुरू की. अंडर-19 और फिर आईपीएल में प्रभावित करने के बाद जायसवाल को चोटिल लोकेश राहुल की जगह टीम में मौका मिला. शुभमन गिल के बल्लेबाजी क्रम में तीसरे स्थान पर आने का फैसला करने के बाद जायसवाल ने रोहित के साथ भारतीय पारी का आगाज किया. उन्होंने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया और डेब्यू पर शतक जड़ने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज बनें. वह अपनी नाबाद 143 रन की पारी के साथ ही डेब्यू पर एशिया से बाहर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए. उन्होंने इस मामले में पूर्व कप्तान और दिग्गज सौरव गांगुली (इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 131 रन) को पीछे छोड़ा.
फर्स्ट क्लास में 26 पारियों में 80 का औसत
जायसवाल ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. मेरे लिए यह भावनात्मक क्षण है. मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं. मैं अभी नाबाद हूं और खेलना जारी रखना चाहूंगा. मैं यह शतक अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगा. मेरी जिंदगी में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है और भगवान भी है. मै अभी ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहूंगा, यह सिर्फ शुरुआत है और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं.’ जायसवाल ने फर्स्ट क्लास में 26 पारियों में 80 के औसत 1,845 रन बनाए हैं. उन्होंने इस दौरान नौ शतक जड़े हैं. लिस्ट ए (50 ओवर का घरेलू क्रिकेट) में उनके नाम दोहरा शतक भी है.