अपने ही हाथों क्‍यों तोड़ रहे लोग सपनों का आशियाना ? जानिए बाराबंकी की इनसाइड स्टोरी

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अपने ही हाथों क्‍यों तोड़ रहे लोग सपनों का आशियाना ? जानिए बाराबंकी की इनसाइड स्टोरी



संजय यादव/बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के चलते बाराबंकी जिले में सरयू नदी एक बार फिर भयंकर उफान पर है. नदी में बाढ़ के चलते जिले की रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील के सैकड़ों गांव के लोग प्रभावित हुए हैं. घरों में पानी घुसने से बाढ़ पीड़ित अपनी गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं.हजारों बीघे लोगों की फसल जलमग्न हो चुकी है. चारों तरफ बाढ़ ने ऐसा हाहाकार मचा रखा है. वहीं तेलवारी गांव के कुछ लोगों ने अभी भी गांव मे रह रहे है. उनको डर सताने लगा कहीं उनका मकान सरयू नदी की कटान में समा ना जाए इसलिए अपना मकान तोड़ कर ईंटों को सुरक्षित रख रहे हैं. लोगों का मानना है अगर नदी में हमारा आशियाना समा जाता है तो कम से कम ईटे तो बच जाएंगी ताकि बाढ़ के बाद हम फिर से अपना पक्का मकान बना सकते हैं.बाढ़ की चपेट में आए गांवजिले के तराई क्षेत्र में बसे दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए और नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए पीएसी के जवानों को लगा दिया गया है. करीब 20 गांवों के सैकड़ो परिवारों को तटबंधो पर भेज दिया गया है और जो लोग बचे हैं उन्हें भी गांव छोड़ने को कहा गया है .पलायन करने को मजबूर ग्रामीणवहीं ग्रामीणों का कहना है सरयू नदी कटान कर रही है. कभी भी हम लोगों का घर नदी में समा सकता है. जिसको देखते हुए हम लोग अपना मकान खुद तोड़ रहे हैं. अगर कटान हो तो कम से कम कुछ तो बच सके. नदी की कटान से हम लोगो के नल भी समाने लगे हैं जिससे की पानी की बहुत समस्या हो रहा हैं..FIRST PUBLISHED : August 02, 2023, 23:03 IST



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