Antibiotic Medicine Vancomycin used in infective diarrhoea shows hope for inflammatory bowel disease | जिस एंटीबायोटिक से होता है इंफेक्टिव डायरिया का इलाज, उस दवा ने दूसरी बीमारी में जगाई उम्मीद

admin

Antibiotic Medicine Vancomycin used in infective diarrhoea shows hope for inflammatory bowel disease | जिस एंटीबायोटिक से होता है इंफेक्टिव डायरिया का इलाज, उस दवा ने दूसरी बीमारी में जगाई उम्मीद



​Antibiotic For Inflammatory Bowel Disease: एक नई स्टडी के मुताबिक इंफेक्टिव डायरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक एंटीबायोटिक दवा एक तरह के इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज के लिए असरदार दवा हो सकती है. यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम (University of Birmingham) के रिसर्चर्स ने दिखाया कि वैनकोमाइसिन (Vancomycin) नामक एक एंटीबायोटिक दवा उन लोगों के इलाज में भी प्रभावी हो सकती है जिन्हें एक खास तरह का सूजन आंत्र रोग (IBD) है, जो प्राइमरी स्क्लेरोसिंग कोलांजाइटिस (PSC) नामक एक लाइलाज ऑटोइम्यून लिवर डिजीज के कारण विकसित होता है.

कैसे हुई रिसर्च?गौरतलब है कि इस स्टडी में हिस्सा लेने वाले 5 में से 4 मरीजों ने क्रोहन एंड कोलाइटिस (Crohn’s and Colitis) जर्नल में छपे एक क्लीनिकल ट्रायल के हिस्से के रूप में दवा लेने के बाद छूट हासिल की. अध्ययन अहम है, क्योंकि इस बीमारी के कई प्रतिभागियों ने अन्य आईबीडी ट्रीटमेंट का जवाब नहीं दिया था.
इन 2 बीमारियों का रिश्ताइसके अलावा, आईबीडी और पीएससी का आपस में नजदीकी संबंध हैं, पीएससी वाले ज्यादातर लोगों में आईबीडी विकसित होता है, और आईबीडी वाले 14 फीसदी तक मरीजों में पीएससी भी विकसित होता है. एकसाथ, इस स्थिति ने कोलन सर्जरी की जरूरत को बढ़ा दिया और या कोलन या लिवर कैंसर डेवलप हो गया, जिसके लिए उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होगी. ये मौत के ओवरऑल रिस्क को भी बढ़ाता है.
क्या कहते हैं रिसर्चर?यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के डॉ. मोहम्मद नबील कुरैशी (Dr. Mohammed Nabil Quraish) ने कहा, “हमारे फाइंडिंग्स बताते हैं कि वैनकोमाइसिन आईबीडी और ऑटोइम्यून लिवर डिजीज के इस चैलेंजिंग कॉम्बिनेशन वाले मरीजों के लिए एक नया थेरोपेटिक ऑप्शन पेश कर सकता है.”
ट्रायल के दौरान, प्रतिभागियों को 4 हफ्ते तक ओरल एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया गया. तकरीबन 80 फीसदी मरीजों ने इलाज के क्लीनिकल रिमीशन हासिल किया. उन्होंने इंफ्लेमेंट्री मार्करों में भी अहम कमी दिखाई, और 100 फीसदी ने म्यूकोसल हीलिंग दिखाई. हालांकि 8 हफ्ते के बाद इलाज बंद करने पर लक्षण वापस आ गए.
वैनकोमाइसिन को कुछ बाइल एसिड में चेंजेज लाने के लिए भी दिखाया गया था, जिनकी अब आईबीडी से जुड़े पीएससी के ट्रीटमेंट को डेवलप और रिफाइन करने के लिए आगे जांच की जा रही है.  टीम ने कहा कि हालांकि रिजल्ट शुरुआती हैं, लेकिन ये आगे की रिसर्च के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link