Ankit Chatterjee: रणजी ट्रॉफी का दूसरा राउंड शुरू हो चुका है. 23 जनवरी से सभी टीमों के बीच इस राउंड के मुकाबले खेले जा रहे हैं. BCCI के घरेलू क्रिकेट खेलने की अनिवार्यता के बाद एक तरफ भारतीय क्रिकेटर्स रोहित शर्मा, शुभमन गिल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और यशस्वी जायसवाल पर सभी की नजरें रहीं. हालांकि, जडेजा को छोड़कर बाकी इंटरनेशनल स्टार्स ने अपने प्रदर्शन से निराश किया. इस बीच 15 साल के 10वीं में पढ़ने वाले अंकित चटर्जी सुर्खियों में आ गए. दरअसल, अंकित ने पूर्व भारतीय कप्तान और बल्लेबाज सौरव गांगुली का 35 साल पुराना एक रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया, जिससे वह हर तरफ चर्चा में हैं.
गांगुली का रिकॉर्ड ध्वस्त
अंकित चटर्जी ने बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच में हरियाणा के अनुभवी तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज के खिलाफ शानदार कवर ड्राइव लगाकर अपना खाता खोला. इसके साथ ही पूर्व दिग्गज सौरव गांगुली की यादें ताजा हो गईं, क्योंकि यह किशोर बल्लेबाज भारत के पूर्व कप्तान को पछाड़कर इस राज्य के लिए रणजी खेलने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बन गया. अंकित ने 15 साल और 361 दिन की उम्र में रणजी डेब्यू किया, जबकि गांगुली ने 17 साल की उम्र में बंगाल के लिए अपना पहला मैच 1989-90 में खेला था. यह मैच रणजी ट्रॉफी का फाइनल था जिसमें बंगाल ने दिल्ली को शिकस्त दी थी.
— Mehran Ali (@malikmehran178) January 23, 2025
10वीं के स्टूडेंट हैं अंकित
बनगांव हाई स्कूल के 10वीं कक्षा के छात्र अंकित की इस पल तक की यात्रा बलिदान और अथक समर्पण से भरी रही है. वह कोलकाता मैदान पहुंचने के लिए वह पिछले तीन साल से लगभग हर रोज सुबह साढ़े तीन बजे उठ रहे हैं और 4:25 बजे की बोंगांव-सियालदह लोकल ट्रेन से दो घंटे की यात्रा के बाद आधे घंटे पैदल चलकर कोलकाता मैदान पहुंचते थे. उनकी दिनचर्या रात के 9 या 10 बजे खत्म होती है. अंकित को मैच से दो दिन पहले अपने डेब्यू के बारे में पता चला, जब स्थापित सलामी बल्लेबाज और भारत ए क्रिकेटर अभिमन्यु ईश्वरन हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण मुकाबले से बाहर हो गए.
नॉटआउट हैं अंकित
हालांकि, अंकित ने घबराने की जगह इस मौके को धैर्य के साथ स्वीकार किया जो उनके बचपन के कोच डोलोन गोल्डर के अनुसार उनका ‘ट्रेडमार्क’ गुण रहा है. अंकित ने कल्याणी में मैच के बाद अपने ‘सिग्नेचर शॉट’ (कवर ड्राइव) के बारे में कहा, ‘यह मेरे लिए बिल्कुल सामान्य था और कल रात मुझे अच्छी नींद भी आई. मैं आक्रामक होने के बारे में नहीं सोच रहा था, लेकिन गेंद उस शॉट के लायक थी. इसलिए मैंने ऐसा किया.’ दिन का खेल खत्म होते समय बंगाल का स्कोर 10 रन पर एक विकेट था और अंकित पांच रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे.