सनन्दन उपाध्याय/बलिया: जिले में तमाम छोटे बड़े गांव और मोहल्ले स्थापित हैं, जिनका अपना-अपना छोटा बड़ा इतिहास रहा है. आज हम आपको बताएंगे बलिया सदर के सबसे बड़े मोहल्ले के बारे में जिसका नाम एक अंग्रेज कलेक्टर के नाम पर पड़ा. उसी नाम से ही एक पुलिस चौकी भी मौजूद है. जी हां, हम बात कर रहे हैं अंग्रेज कलेक्टर जापलिन की. जिस समय जापलिन बलिया के कलेक्टर हुआ करते थे. उसी समय ही महावीर झंडा जुलूस का शुभारंभ भी हुआ था.इतिहासकार शिवकुमार कौशिक के बताते हैं कि सन 1910 में बलिया जनपद के कलेक्टर ब्रिटिश शासन के अंग्रेज कलेक्टर मिस्टर जापलिन हुआ करते थे. इसी समय में यहां के अंग्रेज एस. पी. मिस्टर हिक एक आंख वाले थे. वो कठोर व्यवहार के व्यक्ति थे. उनका विचार था कि जिले में किसी भी प्रदर्शन को छूट नहीं देनी चाहिए और प्रदर्शनकारियों का कठोरता से दमन करना चाहिए. उस समय अंग्रेज कलेक्टर जापलिन के नाम पर ही इस मोहल्ले और पुलिस चौकी का नाम जापलिनगंज पड़ा. छात्रों को किया गाया शिक्षा से बेदखलसन 1910 में गवर्नमेंट कॉलेज के छात्रों ने जॉर्ज पंचम ताजपोसी का भारत आने के लिए विरोध किया. इसके विरोध में महावीर झंडा जुलूस छात्रों ने एक विद्यार्थी परिषद बनाकर निकला था. तो इसके लिए अंग्रेज कलेक्टर जापलिन ने उन बच्चों को कुछ दिनों के लिए स्कूल से सस्पेंड करा दिया था. उस समय जिले में निकाला गया महावीर झंडा जुलूस आज भी बरकरार है.गौतम बुद्ध के नाम पर हो नामइतिहासकार ने कहा कि सरकार वर्तमान में हर जगह का नाम सोच विचार कर सत्यता के आधार पर परिवर्तित कर रही है. जो कि इस अंग्रेज कलेक्टर के नाम पर आधारित इस मोहल्ले और पुलिस चौकी का नाम भी बदलकर गौतम बुद्ध के नाम पर होना चाहिए. यहीं पर (भृगु आश्रम) गौतम बुद्ध ने संस्कार ध्यान इत्यादि की शिक्षा ग्रहण की थी..FIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 16:12 IST
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