Last Updated:January 13, 2025, 21:11 ISTAMU News Today: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अपनी पढ़ाई-लिखाई, एकेडमिक्स और रिसर्च के साथ ही सभ्यता के लिए भी जानाी जाती है. इसी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर दूसरे प्रोफेसर पर…अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग के शिक्षक डॉ. इशात मोहम्मद खान की हिंदू और मुस्लिम छात्रा बनकर शिकायत करने वाले प्रोफेसर रियाजुद्दीन को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित कर दिया गया है. प्रोफेसर रियाजुद्दीन कभी हिंदू छात्रा तो कभी मुस्लिम छात्रा बनकर अपने विभाग के डॉ. इशात खान की झूठी शिकायत करते थे. इस तरह की झूठी शिकायतें वह 22 बार कर चुके थे. यूनिवर्सिटी के संज्ञान में यह मामला आने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आंतरिक जांच बैठा दी थी.
इस मामले में यूनिवर्सिटी के कुलसचिव मोहम्मद इमरान ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन को नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा था. जवाब न देने पर कुलसचिव ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन को निलंबित कर दिया. प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने अलग-अलग छात्राओं के नाम से रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के जरिये पुलिस को एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात खान के खिलाफ शिकायती पत्र भेजे थे. उन्होंने अपने ही विभाग के प्रोफेसरों पर धार्मिक आरोप, परीक्षाओं में गड़बड़ी और अन्य अनियमितताओं के आरोप भी लगाए थे.
डॉ. इशात खान अपने खिलाफ झूठी शिकायतों से परेशान हो गए कि आखिर उनके खिलाफ शिकायतें कौन कर रह है. उन्होंने बेगुनाही साबित करने के लिए खुद ही अपने स्तर से जांच शुरू कर दी. उन्होंने साक्ष्य जुटाकर पुलिस को सौंप दिए. इस संबंध में जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के एमआईसी (मेंबर इंचार्ज ) असीम सिद्दीकी ने कहा, “विश्वविद्यालय के इस मामले में बात करना मुझे में बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है क्योंकि यह यूनिवर्सिटी अपने पढ़ाई-लिखाई, एकेडमिकस और रिसर्च के लिए जानी जाती है. जहां तक इस तरह की चीजों की बात है तो आपको बता दूं कि एक कंप्लेंट केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के डॉक्टर इशाद खान की तरफ से उनके अपने ही डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाज़ुद्दीन के खिलाफ आई थी. यह कंप्लेंट रिसीव हुई थी 16 नवंबर 2024 को. इसके बाद प्रोफेसर रियाजुद्दीन से जवाब मांगा गया था. उन्होंने जो जवाब दिया वह संतोषजनक नहीं पाया गया. जिस वजह से उनको निलंबित कर दिया गया.
एमआईसी प्रोफेसर असिम सिद्दीकी ने कहा कि यह पूरा मामला केमिस्ट्री डिपार्टमेंट का है. इस मामले को लेकर बहुत ज्यादा डिटेल में जाने की जरूरत नहीं है बस इतना समझ लीजिए कि यह मिसकंडक्ट का केस है. और यूनिवर्सिटी इस मिसकंडक्ट के बारे में बहुत सीरियस है चाहे वह टीचर्स का हो या स्टूडेंट का हो. यूनिवर्सिटी का एक प्रोसीजर होता है सारी चीज प्रोसीजर के तहत ही होती हैं.
Location :Aligarh,Uttar PradeshFirst Published :January 13, 2025, 21:11 ISThomeuttar-pradeshAMU में हिंदू-मुस्लिम छात्रा बनकर प्रोफेसर की झूठी शिकायत करने वाला निलंबित