Allahabad high court issues new guidelines as corona cases are increasing nodnc

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Daily wage workers will also be entitled to old pension Allahabad High Court - इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला



इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (CJ Rajesh Bindal) ने बढ़ते कोविड-19 संक्रमण (COVID-19) को देखते हुए नए आदेश जारी किए हैं. सभी अनुभाग अधिकारियों/सुपरवाइजिंग अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि एक दिन के गैप पर 50 फीसदी स्टाफ से ही काम लिया जाए. लेकिन इस दौरान यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी सीट का काम न रूके. निबंधक न्यायिक द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिस अधिकारी को बुखार हो तुरंत कोविड जांच कराए.
इसके अलावा हाईकोर्ट प्रयागराज व लखनऊ पीठ परिसर में शराब, पान, गुटका, तंबाकू आदि खाकर आने वालों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिकारियों को इसकी सूचना न्यायालय प्रशासन को देने को कहा गया है. ताकि ऐसे लोगों को ड्यूटी पर तैनाती से छूट दी जा सके. इसकी सूचना लखनऊ पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार वह इलाहाबाद के रजिस्ट्रार न्यायिक को दी जाएगी. 50 फीसदी अधिकारियों व स्टाफ से काम लेने में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखी जाए.

अनुभाग अधिकारी को यह छूट दी गई है कि अतिआवश्यक होने पर घर पर बैठे स्टाफ को काम के लिए बुला सकते हैं. कहा गया है कि सभी स्टाफ टेलीफोन या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए अपने अनुभाग से संपर्क बनाए रखें. इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है. मुख्य न्यायाधीश ने यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के 10 जनवरी 22 के अनुरोध पत्र पर दिया है. जिसमें कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए 50 फीसदी स्टाफ से काम लेने का अनुरोध किया गया था.
गर्भवती न्यायिक स्टाफ को छूटवहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में बढ़ते कोविड संक्रमण को देखते हुए अधीनस्थ अदालतों, अधिकरणों की कार्यवाही की नई गाइडलाइंस जारी की है. महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा सभी जिला जजों, पीठासीन अधिकारियों को जारी आदेश में एक समय में 50 फीसदी न्यायिक अधिकारियों से कार्य लेने का निर्देश दिया है. यह रोटेशन में जारी रहेगा. इसके साथ ही गर्भवती न्यायिक स्टाफ को छूट रहेगी. बहुत जरूरी हो तो उन्हें घर से कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. यह भी कहा गया है कि वादकारियों या प्रतिनिधियों का न्यायालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अतिआवश्यक मामलों में जिला जज की पूर्व अनुमति से उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है. यह गाइडलाइंस 17 जनवरी 22 से प्रभावी होगी.

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