Aligarh News Hindi: अलीगढ़ का मराठा किला: इतिहास और वर्तमान स्थिति.

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अलीगढ़ के तहसील इगलास के मराठा किले का क्या है इतिहास, जानिए यहां सब कुछ

Last Updated:April 25, 2025, 19:55 ISTAligarh News Hindi: अलीगढ़ तहसील इगलास का मराठा किला, जिसे महादाजी सिंधिया ने 1762 में बनाया था, अब खंडहर बन चुका है. अंग्रेजों ने 1802 में कब्जा किया और 1857 में क्रांतिकारियों ने इसे स्वतंत्र घोषित किया था.Aligarh News हाइलाइट्समराठा किला 1762 में महादाजी सिंधिया ने बनाया था.1857 में क्रांतिकारियों ने किले को स्वतंत्र घोषित किया.अब मराठा किला खंडहर बन चुका है.Aligarh News Hindi: अलीगढ़ तहसील इगलास का मराठा किला पुरानी तहसील के नाम से भी जाना जाता है. इस किले का इतिहास बहुत शानदार है. ग्वालियर के संस्थापक महादाजी सिंधिया ने 1762 ई. में इस किले का निर्माण किया था. मराठे इस किले में दरबार लगाकर न्याय करते थे. फारसी भाषा होने के कारण दरबार को “इज्लास” अदालत कहा जाता था. इज्लास किला सैकड़ों फैसलों का गवाह बना है.

1802 ई. में अंग्रेजों ने इज्लास किले पर कब्जा कियाएएमयू के इतिहासकार एम. के. पुंडीर ने जानकारी दी कि कई साल पहले इगलास कस्बे के पूर्व में गांव असावर और पश्चिम में गांव गंगापुर हुआ करते थे. इन दोनों गांवों के बीच में 1762 ई. में ग्वालियर के संस्थापक महादाजी सिंधिया ने इस किले का निर्माण किया था. 1802 ई. में अंग्रेजों ने इज्लास किले पर कब्जा कर लिया और यहां शासन किया. 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में गहलऊ के वीर अंबानी सिंह ने किले पर हमला कर दिया. क्रांतिकारियों के डर से अंग्रेज किला छोड़कर भाग गए. अंग्रेजों के तहसीलदार ने मुश्किल से अपनी जान बचाकर हाथरस जिले के मुरसान में शरण ली. अंबानी सिंह के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने खजाना लूटकर इज्लास किले को स्वतंत्र घोषित कर दिया.

युद्ध की घोषणा कर दीइतिहासकार ने बताया कि कुछ सालों बाद अंग्रेजों के मेजर बर्लटन अपने सैनिकों और हथियारों के साथ वहां पहुंच गए और युद्ध की घोषणा कर दी. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने युद्ध का काफी हद तक सामना किया, लेकिन दुर्भाग्यवश उस दिन बारिश होने के कारण पलीते भीग गए और उनकी बंदूकें अंग्रेजों की तोपों का सामना नहीं कर सकीं. इसके बाद, अंग्रेजों के मेजर बर्लटन ने “इज्लास किले” पर कब्जा कर लिया और उसे अपने नियंत्रण में ले लिया. अंग्रेजों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमानी सिंह को विद्रोही घोषित करके फांसी दे दी.

गांव का अस्तित्व खत्म हो गयाकुछ वर्षों बाद गंगापुर गांव का अस्तित्व खत्म हो गया. दोनों गांवों के बीच बसावट बढ़ती गई और यह एक कस्बा बन गया, जिसका नाम “इज्लास” से बदलकर “इगलास” हो गया. असाबर गांव आज भी एक मोहल्ले के रूप में मौजूद है. 1947 में स्वतंत्रता के बाद किले में तहसील की स्थापना कर दी गई. कुछ वर्षों बाद तहसील की नई इमारत बनने पर इसे स्थानांतरित कर दिया गया. 1991 में यहां राजकीय कन्या हाई स्कूल की स्थापना की गई. कुछ वर्षों बाद कॉलेज की नई बिल्डिंग बनने पर राजकीय कन्या हाई स्कूल को भी स्थानांतरित कर दिया गया. अब इगलास के मराठा किले की स्थिति काफी खराब है और वह सिर्फ एक खंडहर बनकर रह गया है.
Location :Aligarh,Uttar PradeshFirst Published :April 25, 2025, 19:55 ISThomeuttar-pradeshअलीगढ़ के तहसील इगलास के मराठा किले का क्या है इतिहास, जानिए यहां सब कुछ

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