Alcohol vs Non Alcoholic Fatty Liver What is More Dangerous For Health NAFLD | शराब पीने वाला या हाथ भी नहीं लगाने वाला, किसका फैटी लिवर ज्यादा खतरनाक?

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Alcohol vs Non Alcoholic Fatty Liver What is More Dangerous For Health NAFLD | शराब पीने वाला या हाथ भी नहीं लगाने वाला, किसका फैटी लिवर ज्यादा खतरनाक?



Fatty Liver Disease: आज के दौर में फैटी लिवर डिजीज तेजी से कॉमन होती जा रही है, और हैरानी की बात ये है कि ऐसा सिर्फ शराब पीने वालों के साथ नहीं हो रहा. बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते मोटापे के साथ, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज (NAFLD) तेजी से एक साइलेंट महामारी बनती जा रही है. इसको लेकर हमने डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू (Dr. Sukhvinder Singh Saggu), डायरेक्टर, मिनिमल एक्सेस, जीआई एंड बैरिएट्रिक सर्जरी, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली से बातचीत की
डॉक्टर ने क्या कहा?सग्गू ने बताया कि एक गैस्ट्रो सर्जन के रूप में, मुझसे अक्सर पूछा जाता है कि क्या अल्कोहलिक फैटी लिवर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर से ज्यादा खतरनाक है? शॉट में जवाब है – दोनों ही गंभीर हो सकते हैं, लेकिन अलग-अलग वजहों से. दोनों कंडीशन कैसे प्रोग्रेस करते हैं इसको समझ लिया जाए तो लिवर हेल्थ को मैनेज करना आसान हो जाएगा.

फैटी लिवर डिजीज क्या है?फैटी लिवर डिजीज लिवर सेल्स में फैट के बिल्ड-अप को कहते हैं. ये 2 मेन फॉर्म में सामने आता है. वैसे वक्त पर ध्यान न दिया जाए तो दोनों ही हालात लिवर में सूजन, स्कारिंग (फाइब्रोसिस) और यहां तक कि सिरोसिस की वजह बन सकती हैं.
1. अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज (AFLD): बहुत ज्यादा या लंबे वक्त तक शराब पीने की वजह से होता है.
2. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज (NAFLD): उन लोगों में होता है जो बहुत कम या बिल्कुल शराब नहीं पीते हैं. 
AFLD को समझेंजो लोग हद से ज्यादा शराब का सेवन करते हैं, उनके लिवर को इसे एफिशिएंट तरीके से ब्रेक डाउन में मुश्किल होती है. इससे फैट का जमना और लिवर सेल्स को नुकसान होता है. अगर शराब पीना जारी रहता है, तो एएफएलडी तेजी से अल्कोहलिक हेपेटाइटिस, फाइब्रोसिस और आखिर सिरोसिस या लिवर फेलियर में बदल सकता है.
सबसे बड़े खतरे-ज्यादा या एक बार में बहुत ज्यादा शराब पीना- न्यूट्रिशन से जुड़ी डेफिशिएंसी-हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी जैसे को एग्जिस्टिंग इंफेक्शन
राहत की बातअगर इंसान पूरी तरह से शराब पीना बंद कर दे और हेल्दी लाइफस्टाइल अपना ले तो शुरुआती स्टेजेज में एएफएलडी ठीक हो सकता है.
 
NAFLD की वजहनॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज उनको भी होता है जिनका शराब से दूर-दूर का वास्ता नहीं है, लेकिन इसके पीछे कई और रिस्क फैक्टर्स हैं, जैसे-
-मोटापा-टाइप 2 डायबिटीड-हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स-सुस्त लाइफस्टाइल-अनहेल्दी फूड हैबिट्स

हालांकि एनएएफएलडी शराब से जुड़े लिवर डिजीज जितना खतरनाक नहीं लगता है, लेकिन इसका साइलेंट प्रोग्रेस ही इसे खतरनाक बनाता है. बहुत से लोगों को ये अहसास नहीं होता कि उन्हें ये बीमारी है जब तक कि ये नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) – जो ज्यादा गंभीर रूप है, ये सूजन और लिवर डैमेज का कारण बनता है. एनएएफएलडी अब ग्लोबल लेवल पर क्रोनिक लिवर डिजीज का बड़ा कारण है, और लिवर ट्रांसप्लाइंट में एक ग्रोइंग कंट्रीब्यूटर है.

कौन सा टाइप ज्यादा खतरनाक है?दोनों ही कंडीशंस सिमिलर कॉम्पलिकेशंस – लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर और यहां तक कि मौत का कारण बन सकती हैं. हालांकि, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज अधिक फैली हुई है और ये अक्सर तब तक नोटिस में नहीं आती जब तक कि ये सीरियस न हो जाए.
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज के उलट, जिसका एक क्लियर ट्रिगर (शराब) है, एनएएफएलडी का शुरुआती डायग्नोसिस करना मुश्किल है और ये अक्सर डायबिटीज और हार्ट जिजीज जैसी लाइफस्टाइल वाली बीमारियों से जुड़ा होता है. ये एनएएफएलडी को एक साइलेंट लेकिन बढ़ता हुआ खतरा बनाता है, खासकर यंग, शहरी आबादी में.
अपने लिवर की हिफाजत कैसे करें?
1. शराब से पूरी तरह तौबा करें, खासकर अगप आपको पहले से ही लिवर से जुड़ी परेशानियां हैं.2. रेगुलर एक्सरसाइज के जरिए हेल्दी वेट मेंटेन करें.3. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर बैलेंस्ड डाइट लें.4. अगर जरूरी तो लाइफस्टाइल में चेंजेज या दवा के जरिए से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को काबू करें.5. रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं अगर आपको खतरा हो.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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