Last Updated:April 26, 2025, 09:01 ISTBanke Bihari Mandir Vrindavan: साल में केवल कुछ ही दिन ऐसे होते हैं, जिनमें ठाकुर जी के विशेष दर्शन कराए जाते हैं. उन्ही दिनों में से एक है अक्षय तृतीया. इस बार अक्षय तृतीया पर ठाकुर जी को कुछ विशेष चीजों का भी…और पढ़ेंX
भगवान बांके बिहारीहाइलाइट्सअक्षय तृतीया पर बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैंइस बार ठाकुर जी को शरबत, आम के रस का भोग लगेगासाल में एक बार अक्षय तृतीया पर ही चरण दर्शन होते हैंमथुरा: बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में बिहारी जी के दर्शन के लिए हर दिन लाखों की संख्या में भक्त आते हैं, लेकिन साल में कुछ दिन ऐसे होते हैं, जिनमें ठाकुर जी विशेष रूप से दर्शन देते हैं. उन्ही दिनों में से एक है अक्षय तृतीया. इस दिन ठाकुर जी के विशेष दर्शन किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया पर ही साल में एक बार उनके चरण दर्शन होते हैं. वहीं इस बार अक्षय तृतीया पर भगवान बांके बिहारी जी के लिए कुछ विशेष इंतजाम किए गए हैं, इस दिन ठाकुर जी को विशेष भोग लगाया जाएगा, तो चलिए जानते हैं इस बार क्या-क्या चीजों का ठाकुर जी को भोग लगाया जाएगा, और साल में 1 दिन चरण दर्शन के पीछे क्या है मान्यता
शरबत, आम के रस जैसी चीजों का लगेगा भोगआपको बता दें, अक्षय तृतीया का पर्व बेहद ही खास होता है. भगवान बांके बिहारी को अक्षय तृतीया के दिन विशेष श्रृंगार किया जाता है. इतना ही नहीं उनका भोग भी अलग- अलग चीजों का लगाया जाता है. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी शालू गोस्वामी ने अक्षय तृतीया पर्व पर लगने वाले भोग के बारे में बताया, कि भगवान बांके बिहारी को इस बार अक्षय तृतीया पर कई तरह के शरबत, आंवले का मुरब्बा, आम का रस और कई तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा, जो बांके बिहारी जी को गर्मी में शीतलता प्रदान करेंगे. यह भोग मंदिर के गोस्वामियों के द्वारा लगाया जाएगा.
साल में 1 बार क्यों होते हैं चरण दर्शनबांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार चरण दर्शन होते हैं. मान्यता के अनुसार स्वामी हरिदास जी को हर रोज भगवान के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती थी, जिससे वे ठाकुर जी की सेवा और भोग का आयोजन करते थे. इसी कारण से स्वामी जी ने भगवान के चरणों को ढक दिया था. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, यही कारण है कि पूरे साल भगवान के चरण नहीं दिखाए जाते और केवल अक्षय तृतीया के दिन ही भक्तों को ये दर्शन होते हैं.
चरणों से प्राप्त होती थी स्वर्ण मुद्रावहीं, एक कथा के अनुसार, करीब 500 साल पहले निधिवन में स्वामी हरिदास की भक्ति और साधना से प्रसन्न होकर बांके बिहारी जी प्रकट हुए. तब स्वामी जी ठाकुर जी की सेवा करते थे. प्रभु की सेवा करते-करते उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा. एक बार स्वामी जी के उठने पर ठाकुर जी के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा प्राप्त हुई थी. वह स्वर्ण मुद्रा से प्रभु की सेवा और भोग का इंतजाम किया करते थे. जब स्वामी जी को पैसों की किल्लत होती थी, तो ठाकुर जी के चरणों से स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होती थी. इसलिए रोजाना बांके बिहारी जी के चरण के दर्शन नहीं कराए जाते. उनके चरण पोशाक से ढके होते हैं. साल में एक बार ही अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर प्रभु के चरण दर्शन होते हैं.
Location :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :April 26, 2025, 09:00 ISThomedharmअक्षय तृतीया पर बिहारी जी के होते हैं चरण दर्शन! इस बार लगेगा कई चीजों का भोगDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.