Air pollution from landscape fires Cause 90 percent Plus global deaths per year The Lancet | धूल नहीं, धुआं नहीं, इस तरह का पॉल्यूशन है 90 फीसदी से ज्यादा जिंदगी छीनने का जिम्मेदार

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Air pollution from landscape fires Cause 90 percent Plus global deaths per year The Lancet | धूल नहीं, धुआं नहीं, इस तरह का पॉल्यूशन है 90 फीसदी से ज्यादा जिंदगी छीनने का जिम्मेदार



Dealth Due To Pollution From Landscape Fires: दुनिया में हर साल प्रदूषण पढ़ता जा रहा है, जिसके पीछे धूल और धुआं एक बड़ा कारण है, हालांकि ‘द लैंसेट’ जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक दुनिया भर में हर साल आग से होने वाले वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 90 फीसदी से ज्यादा लो और मीडियम इनकम वाले देशों में होती हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. अन्य देशों में चीन, इंडोनेशिया और सब-सहारा अफ्रीका के देश भी शामिल हैं, जिन पर लैंडस्केप फायर के कारण होने वाली डिजीज का सबसे अधिक बोझ है.
लैंडस्केप फायर का कहरऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी (Monash University, Australia) के रिसर्चर्स सहित एक अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ता के ग्रुप ने पाया कि लैंडस्केप फायर से पब्लिक हेल्थ पर पड़ने वाले असर में भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक असमानताएं हैं.
लैंडस्केप फायर नेचुरल और मैन मेड दोनों सेटिंग्स में होते हैं और इसमें जंगलों की और मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाली आग दोनों शामिल हो सकते हैं. ज्यादातर मौतें ऐसी आग से होने वाले एयर पॉल्यूशन से जुड़ी हैं, जो लंबे वक्त तक दिल और सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ाती हैं. 

कितनी मौतें होती हैं?स्टडी में हार्ट से जुड़े प्रॉब्लम्स की वजह से सालाना तकरीबन 4.5 लाख मौतों और सांस से जुड़ी बीमारियों के कारण सालाना करीब  2.2 लाख मौते हुईं, जिससे लैंडस्केप फायर से होने वाले प्रदूषण से जुड़े ग्लोबल डेथ की बढ़ती तादाद का पता चलता है. 

रिसर्चर्स ने साल 2000-2019 के दौरान 204 देशों और क्षेत्रों के वार्षिक मृत्यु दर, आबादी और सामाजिक-डेमोग्राफिक डेटा का विश्लेषण किया, जो 2019 ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (2019 Global Burden of Diseases Study) से लिया गया था. ये यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन (University of Washington) के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स (IHME) ने कॉर्डिनेट किया है, और वक्त के साथ दुनिया भर में हेल्थ लॉस के “सबसे बड़े और सबसे व्यापक” अनुमान करता है.

अब क्या किया जा सकता है?जलवायु परिवर्तन के तेज होने के साथ, ऑथर्स ने लैंडस्केप फायर से होने वाले वायु प्रदूषण के सेहत पर असर को कम करने के लिए तत्काल एक्शन की बात की है. उन्होंने ज्यादा कमजोर विकासशील देशों की मदद के लिए हाई इनकम वाले देशों से वित्तीय और तकनीकी मदद दे करके मृत्यु दर में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को दूर करने पर भी जोर दिया. टीम ने कहा कि इन कोशिशों को क्लाइमेट मिटिगेशन और अनुकूलन नीतियों के साथ जोड़ना होगा, ताकि लैंडस्केप फायर से जुड़े वायु प्रदूषण के हेल्थ को मैनेज किया जा सके. रिसर्च में ग्लोबल फायर एमिशन डेटाबेस का भी इस्तेमाल किया गया था.



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