AIIMS doctors share reason for heart attacks in young age people tips for heart health | AIIMS के डॉक्टर्स ने बताया, कम उम्र में आ रहे हार्ट अटैक की वजह, दिल की सेहत के लिए टिप्स

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AIIMS doctors share reason for heart attacks in young age people tips for heart health | AIIMS के डॉक्टर्स ने बताया, कम उम्र में आ रहे हार्ट अटैक की वजह, दिल की सेहत के लिए टिप्स



भारत तेजी से कोरोनरी हार्ट डिजीज का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है. यहां युवाओं में दिल की बीमारियों का बढ़ता हुआ आंकड़ा चिंता का विषय बन चुका है. इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में आयोजित पैनल चर्चा में, एम्स के कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अंबुज रॉय और डॉ. नितीश नाईक ने दिल के दौरे को रोकने और हार्ट हेल्थ को सुनिश्चित करने के लिए सुझाव दिए हैं. 
कम उम्र में दिल की बीमारी का कारण? विशेषज्ञों के अनुसार, गतिहीन जीवनशैली का बढ़ता प्रचलन युवा भारतीयों में हार्ट संबंधी बीमारियों में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक है. डॉ. अंबुज रॉय ने कहा, “बैठना नया धूम्रपान है, हर किसी को लगातार 30 मिनट बैठने के बाद हिलना या चलना चाहिए.”
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दिल की सेहत के लिए उपाय-
फिजिकल एक्सरसाइज जरूरी
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच बेहद जरूरी हैं. एक्सपर्ट की मानें तो 150 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि या 75 मिनट की तीव्र शारीरिक गतिविधि प्रति सप्ताह दिल को निरोग रखने में मदद कर सकती है.
तंबाकू और शराब से बचाव
एक्सपर्ट बताते हैं कि धूम्रपान हार्ट डिजीज के जोखिम को तीन गुना बढ़ा देता है, जबकि गुटखा और पान मसाला जैसे तंबाकू उत्पाद भी दिल के रोगों का खतरा दोगुना कर देते हैं. 
बैलेंस डाइट पर ध्यान देना जरूरी 
पैनल में बैठे डॉक्टर सुपर्णा घोष जेरथ ने कहा कि किसी भी रूप में प्रोसेस्ड फूड्स से बचना चाहिए. हमें अपनी रसोई घर को फिर से महत्वपूर्ण बनाना होगा. उन्होंने हरी पत्तेदार सब्जियां, मसाले, और साबुत अनाज जैसे रागी, बाजरा और मिलेट्स को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी. उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय आहार एंटी-इंफ्लेमेटरी होते हैं, बशर्ते इन्हें सही तरीके से पकाया जाए. ओवरकुकिंग से पोषण की मात्रा कम हो जाती है, जो आजकल एक आम समस्या है.
रेगुलर चेकअप करवाएं
हार्ट स्पेशलिस्ट विशेषज्ञों ने नियमित रूप से बीपी, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराने की सलाह दी है. वहीं, ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg से कम, ब्लड शुगर 6 से 7 प्रतिशत और कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम होना चाहिए. 
हार्ट रोगी रखें इस बात का ध्यान
एक्सपर्ट के अनुसार, जो लोग पहले से हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं, या किसी भी तरह के हार्ट कंडीशन से गुजर चुके हैं, उन्हें एस्पिरिन का सेवन करना चाहिए. इससे ब्लड क्लोटिंग का खतरा नहीं होता है. इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को उच्च कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं, तो उन्हें नियमित रूप से स्टेटिन्स का सेवन करना चाहिए. 
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 



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