Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 22, 2025, 11:38 ISTAgri Tips: यूपी का एक किसान अनोखे तरीके से खेती कर तगड़ी कमाई कर रहा है. वो खुद ही फसल के लिए खाद तैयार करते हैं. मुनाफा कमाने के साथ-साथ दूसरे किसानों की भी मदद कर रहे हैं. X
सांकेतिक फोटोहाइलाइट्सकिसान प्रेमचंद प्राकृतिक खेती से तगड़ी कमाई कर रहे हैं.गाय के गोबर और गोमूत्र से खाद तैयार करते हैं.प्राकृतिक खेती से फसल खेतों से ही बिक जाती है.Agri Tips: बदलते दौर में बहुत से किसान फिर से गौ-आधारित ऑर्गेनिक खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं. वो अच्छी फसल उगाकर बेहतर कमाई कर रहे हैं. कुछ इसी तरह का नजारा मेरठ से 40 किलोमीटर दूर खासपुर गांव में भी देखने को मिल रहा है. जहां किसान प्रेमचंद द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए गन्ना, गेहूं सहित अन्य प्रकार की खेती कर रहे हैं. मुनाफा कमाने के साथ वो दूसरे किसानों को जागरूक भी कर रहे हैं.
गाय के गोबर को कर रहे खेती में इस्तेमाल किसान प्रेमचंद ने लोकल 18 खास बातचीत करते हुए कहा,’प्रकृति हमें विभिन्न प्रकार के ऐसे तत्व उपलब्ध कराती है, जिसके माध्यम से हम कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य सकते हैं.’ उन्होंने बताया कि अब भले ही लोग विभिन्न प्रकार के पेस्टिसाइड व खाद का उपयोग करने लगे हों. लेकिन पहले सभी लोग गोबर के खाद का उपयोग करते थे.
ऐसे में वह खुद भी गौ आधारित खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां पर जो गाय हैं, उसके गोबर को वह एकत्रित करते हैं. उसके बाद उसी गोबर में निमली और गाय के गोमूत्र को मिक्स को मिलाकर अच्छे तरीके से खाद तैयार करते हैं. उन्होंने बताया कि वह बिल्कुल भी बाजार की खाद को इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसी खाद के उपयोग से वह काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं.
खेतों से ही बिक जाता है सामान किसान ने बताया कि प्राकृतिक खेती के फायदे का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उनके खेत से ही गेहूं, गन्ना, धान सहित अन्य प्रकार की फसल बिक जाती है.
इस तरह बनाते हैं खादगोबर और गोमूत्र के माध्यम से वह इस प्रकार से खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि देखा जाता है काफी लोग गोबर और गोमूत्र को नालियों में बहा देते हैं. लेकिन उन्होंने जिस स्थान पर गाय बांधी हुई है, वहीं पर नाली के पास ही 50-50 लीटर के तीन ड्रम लगाए हुए हैं. जिसमें गाय का गोमूत्र, बहता हुआ गोबर एकत्रित हो जाता है. जिसे वह बाद में 200 लीटर के ड्रम में एकत्रित कर देते हैं. उसके बाद वह गोमूत्र में दो किलो बेसन और गुड़ को अच्छे से मिला देते हैं. फिर आठ दिन बाद उस गोबर पर पूरा का पूरा गोमूत्र को समाहित कर देते हैं. फिर खेत में उस गोबर के खाद को डालते हैं.
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एक ड्रम में नीम के पत्ते और निमोली, लहसुन, प्याज और हरी मिर्च को पानी में अच्छे से मिला लेते हैं. फिर उस पानी को खेतों में डाल देते हैं. जिससे खड़ी फसल में किसी भी प्रकार के कीड़े नहीं लगते.
Location :Meerut,Uttar PradeshFirst Published :February 22, 2025, 11:35 ISThomeagricultureAgri Tips: न कीटनाशक-न खर्चा…ये किसान खास तरीके से करता है खेती