हरिकांत शर्मा/ आगराः डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई है . पीएचडी आरडीसी (रिसर्च डेवलपमेंट कमेटी)की फीस 200 गुना बढ़ादी है. फीस बढ़ोतरी से गुस्साए छात्र छात्राओं ने कुलपति आवास का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने फीस बढ़ोतरी के विरोध में बीसी गो बैक के नारे लगाए और अपना आक्रोश व्यक्त किया. आक्रोशित छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन बढ़ी हुई फीस को वापस नहीं लेगा वह धरने पर बैठे रहेंगे.अब तक आरडीसी में ₹600 फीस ली जाती थी. लेकिन विश्वविद्यालय ने अब इसे ₹11000 कर दिया है.वर्तमान में आगरा विश्वविद्यालय से संबंध महाविद्यालयों में 2021-22 सत्र के करीब 700 विद्यार्थी पीएचडी कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के इस फीस बढ़ोतरी फैसले से 700 पीएचडी कर रहे छात्र सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. पीएचडी के छात्रों ने आज कुलपति कार्यालय का घेराव किया. साथ ही छात्र नेताओं का सहयोग लेकर अपनी समस्या कुलपति को अवगत कराने पहुंचे थे.छात्रों ने लगाया वसूली का आरोपछात्रों का कहना है कि लगाया कि विश्वविद्यालय ने बिना किसी सूचना के अचानक से आरडीसी की फीस में बढ़ोतरी कर दी है. कॉलेज और अन्य खर्चे मिलाकर अब तक विश्वविद्यालय हमसे ₹29500 जमा करा चुका है. जबकि लखनऊ में पीएचडी करने में मात्र ₹14000 खर्च होते हैं. लेकिन अब विश्वविद्यालय अनावश्यक रूप से फीस बढ़ोतरी कर हमसे वसूली कर रहा है.50 सालों से नहीं हुई थी फीस में वृद्धिडॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशू रानी ने कहा कि पिछले करीब 50 सालों से शोध की फीस नहीं बढ़ाई गई थी . विश्वविद्यालय द्वारा देखा गया कि शोध के लिए सुविधाएं कम है और जिस तरह से विद्यार्थियों की शोध प्रक्रिया चल रही है. वह अन्य विश्वविद्यालयों की अपेक्षा बेहतर नहीं है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत और यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार हमें अपने विश्वविद्यालय में शोध के स्तर को बढ़ाने के लिए कई तकनीकी फेरबदल किया है . पीएचडी के जो नए छात्र हैं उनकी फीस में बढ़ोतरी की गई है. जबकि पुराने छात्रों की फीस पुरानी गाइडलाइन के अनुसार है. फीस इसलिए भी बढ़ाई है ताकि हम छात्र-छात्राओं को बेहतर रिसर्च सामग्री उपलब्ध कराई जा सके..FIRST PUBLISHED : July 20, 2023, 14:35 IST
Source link