aligarh muslim university MBBS: मेडिकल की पढ़ाई को लेकर चर्चा हमेशा बनी ही रहती है. जो बच्चे मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, वे यह फैसला काफी साल पहले से लेते हैं. इसके एंट्रेंस के लिए बहुत से बच्चे 9वीं या 10वीं से ही तैयारी करते हैं. इस बात की पुष्टि इस फैक्ट से भी होती है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वहीं से 10वीं 12वीं करने वालों के लिए 50 फीसदी mbbs की सीटें रिजर्व रहती हैं.
150 सीटों में से आधी सीटें रिजर्वअलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही 10वीं 12वीं कर, वहीं पर एमबीबीएस में दाखिला पाने वाले, वहां के mbbs स्टूडेंट ने इस तथ्य की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि यहां पर मौजूद 150 सीटों में से आधी सीटें अपने यहीं से 10वीं 12वीं करने वालों के लिए रिजर्व हैं. यानी की 75 सीटों पर बाहर के स्टूडेंट्स को दाखिला मिलता है और 75 वे बच्चे होते हैं जिन्होंने 10वीं 12वीं वहीं से पढ़ी होती है.
दाखिले का प्रोसेसदाखिले का प्रोसेस सभी के लिए सेम है. पहले नीट पास करना होता. उसके बाद यूनिवर्सिटी की ओर से तय रैंक के मुताबिक, यदि नीट में उतने नंबर आते हैं तो दाखिला लेने के आगे के प्रोसेस के लिए आवेदन कर सकते हैं.
mbbs की फीसmbbs स्टूडेंट शाहनवाज ने बताया कि यूनिवर्सिटी जो नीट रैंक तय करती है, उससे 10-15 नंबर कम पर ही उन्हें दाखिला मिल जाता है जिन्होंने यहीं से 10वीं, 12वीं की. यहां की पहले साल की फीस 46 हजार और बाकी सालों की mbbs की फीस मात्र 7 हजार रुपए हैं.
इस फैक्ट के जरिए कह सकते हैं कि स्टूडेंट्स 8वीं के बाद AMU में दाखिला ले लें तो उनके लिए राह थोड़ी कम मुश्किल हो सकती हैं. क्योंकि ये नियम है कि स्टूडेंट जहां से 9वीं करते हैं, वहीं से 10वीं करनी होती है. इस मुताबिक कह सकते हैं कि AMU की इस छूट वाले नियम का फायदा उठाना है तो वहीं से 9वीं क्लास से पढ़ाई करनी होगी.
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.Tags: Aligarh Muslim University, NEETFIRST PUBLISHED : September 18, 2023, 07:53 IST
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