Last Updated:March 11, 2025, 12:42 ISTAgriculture News: उत्तर प्रदेश में मौसम के उतार-चढ़ाव से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. तापमान में बदलाव के कारण दाने छोटे और चमकहीन हो गए हैं. किसान चिंतित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने नवंबर मे…और पढ़ेंX
गेंहू की फसलहाइलाइट्सउत्तर प्रदेश में मौसम के उतार-चढ़ाव से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है.नवंबर में बोई गई फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है.किसान गेहूं की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं.
अखंड प्रताप सिंह/ कानपुर: देश भर में इस बार मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. उत्तर प्रदेश में भी मौसम लगतार बदलता हुआ नजर आ रहा है. इस बार मौसम की मार ने गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. किसानों को अच्छे दाने और अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन पिछले दो महीनों में तापमान के उतार-चढ़ाव ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) के चलते इस बार सर्दी असामान्य रही, जिससे गेहूं की फसल पर असर पड़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार गेहूं के दाने छोटे रह गए हैं और उनकी चमक भी कम हो गई है.
तापमान में उतार-चढ़ाव बना परेशानी की वजहचंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. एस.एन. सुनील पांडेय ने बताया कि गेहूं की अच्छी फसल के लिए दिन का तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 7 से 8 डिग्री सेल्सियस रहना जरूरी होता है. लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक चला गया और रात का पारा 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इस वजह से गेहूं की फसल कमजोर हो गई और दाने पूरी तरह नहीं भर पाए.
देर से बोई गई फसलों को ज्यादा नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने नवंबर में गेहूं बोया था, उन्हें ज्यादा नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में किसानों ने इस नुकसान को लेकर चिंता जताई है. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव भेजे हैं, ताकि वे आने वाले समय में अपनी फसल बचा सकें. हाल ही में एक और पश्चिमी विक्षोभ आया, जिससे तापमान स्थिर हुआ है. इस कारण दिन का तापमान थोड़ा गिरा और रातें भी ठंडी हुई. यह गेहूं की फसल के लिए अच्छा संकेत है. अगर आने वाले दिनों में मौसम अनुकूल रहा, तो नुकसान की भरपाई हो सकती है.
देश का 50 प्रतिशत गेहूं उत्पादन यूपी और एमपी में
भारत में हर साल लगभग 1076 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है, जिसमें से 50 प्रतिशत गेहूं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पैदा होता है. इसलिए इन राज्यों में हुई फसल को नुकसान देश के कुल उत्पादन पर भी असर डाल सकता है अगर गेहूं की गुणवत्ता खराब हुई, तो इसकी कीमतों पर भी असर पड़ सकता है.
फसल को लेकर चिंतित किसानपंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान इस बार गेहूं की गुणवत्ता को लेकर परेशान हैं.कई किसानों का कहना है कि दाने का आकार छोटा होने से उन्हें बाजार में सही दाम नहीं मिल पाएगा. वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों तक मौसम ठीक रहा, तो कुछ हद तक नुकसान की भरपाई संभव है.
Location :Kanpur,Kanpur Nagar,Uttar PradeshFirst Published :March 11, 2025, 12:42 ISThomeagricultureअगर आपने भी बोई इस महीने गेहूं की फसल, तो हो सकता है नुकसान, जानें वजह