After a year long agitation on borders of Delhi farmers returned home celebrating the victory nodssp

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After a year long agitation on borders of Delhi farmers returned home celebrating the victory nodssp



नयी दिल्ली/चंडीगढ़/गाजियाबाद. दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे किसान अपने तंबू हटाकर और साजो-सामान को समेटकर शनिवार को ट्रैक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों में सवार होकर नाचते-गाते, जीत का जश्न मनाते अपने घरों की ओर रवाना हुए. पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर उनका माला पहनाकर तथा मिठाइयां खिलाकर जोरदार स्वागत किया गया.
किसानों के घर लौटने के क्रम में शनिवार को फूलों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले ‘विजय गीत’ बजाते हुए सिंघू धरना स्थल से बाहर निकले. इस दौरान किसानों की भावनाएं हिलोरें मार रही थीं. सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) छोड़ने से पहले, कुछ किसानों ने ‘हवन’ किया, तो कुछ ने अरदास तथा ईश्वर को धन्यवाद करके पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश स्थित अपने-अपने घरों की ओर रवाना हुए.

आंदोलन स्थल बन गए थे चार धाम 
गाजीपुर आंदोलन स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने चार हिंदू ‘धामों’ (पवित्र स्थलों) की तुलना चार सीमा विरोध स्थलों -टिकरी, सिंघू, गाजीपुर और शाहजहांपुर (दिल्ली-जयपुर सीमा) से की. उन्होंने कहा, ‘‘अब हम नहीं बोलेंगे लेकिन किताबें और इतिहास बोलेगा. यह पूरा देश बोलेगा. आज सिर्फ यह याद रखने का दिन है कि पिछले एक साल से हमारे देश में ‘चार धाम’ का अर्थ बदल गया है.
यादव ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु के लोग आते थे और कहते थे कि वे चार स्थानों की यात्रा करना चाहते हैं… सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और शाहजहांपुर बॉर्डर… ये (आंदोलन स्थल) चार धाम बन गए थे.’’
केजरीवाल का ट्वीट- धैर्य साहस और एकता का कोई विकल्प 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के सफल प्रयास की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘धैर्य, साहस और एकता का कोई विकल्प नहीं है. परस्पर भाईचारे और एकता से ही देश आगे बढ़ सकता है. किसान भाइयों की एकता ही सबसे बड़ी ताकत थी. ऐतिहासिक विजय के बाद आज से अपने घर लौट रहे किसान बंधुओं की मजबूत इच्छाशक्ति और उत्साह को मेरा सलाम.’’
किसान संगठन 15 जनवरी को फिर करेंगे समीक्षा 
राष्ट्रीय राजमार्गों पर टॉल प्लाजा और अन्य स्थलों पर किसानों के स्वागत की तैयारियां की गई हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का मुख्यालय शनिवार को वीरान नजर आ रहा था. इस बीच किसान नेताओं ने कहा कि वे 15 जनवरी को एक बार फिर बैठक करके यह समीक्षा करेंगे कि सरकार ने उनकी मांग पूरी की या नहीं. मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में और इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर को बड़ी संख्या में यहां एकत्र हुए थे.
घरों को लौट रहे किसानों की भावनाएं उफान पर 
संसद में गत 29 नवम्बर को इन कानूनों को निरस्त करने तथा बाद में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी के लिए एक पैनल गठित करने सहित विभिन्न मांगों के सरकार द्वारा मान लिये जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की थी.
जब सिंघू बॉर्डर से किसान अपने घरों को लौटने लगे तो उनकी भावनाएं उफान पर थीं और मन में खुशियां हिलोरें मार रही थीं. ये किसान पिछले एक साल साथ रहने के बाद एक-दूसरे से विदाई लेते वक्त आपस में गले मिलते और बधाई देते नजर आए.
किसानों ने कहा- यह हमारे लिए भावनात्मक क्षण
सिंघू बॉर्डर से रवाना होने को तैयार अम्बाला के गुरविंदर सिंह ने सुबह में कहा, ‘‘यह हम लोगों के लिए भावनात्मक क्षण है. हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बिछड़ना इतना कठिन होगा, क्योंकि हमारा यहां लोगों से और इस स्थान से गहरा लगाव हो गया था. यह आंदोलन हमारे यादों में हमेशा मौजूद रहेगा.’’ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की वापसी पर शंभू बॉर्डर पर उनका अभिनंदन किया गया और उन्होंने किसानों को उनकी जीत के लिए बधाई दी.
राकेश टिकैत ने बोले-15 दिसंबर तक आंदोलन स्थल खाली कर देंगे किसान 
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान 15 दिसंबर तक यहां दिल्ली सीमा पर अपना आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली कर देंगे. उन्होंने कहा कि किसानों का पहला समूह शनिवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गया.
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने कहा कि सरकार ने अपने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है और अन्य समस्याओं को सुलझाने के लिए सहमत हो गई है. उन्होंने कहा कि रविवार को गाजीपुर बॉर्डर का एक बड़ा हिस्सा खाली कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हालांकि इसे पूरी तरह से 15 दिसंबर तक खाली किया जाएगा. टिकैत ने कहा कि वह सभी किसानों को भेजकर घर लौटेंगे.

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