नई दिल्ली: राज बावा और कौशल ताम्बे के बीच सातवें विकेट के लिए 65 रन की अटूट साझेदारी की मदद से भारत ने सोमवार को यहां अफगानिस्तान पर चार विकेट से संघर्षपूर्ण जीत दर्ज करके अंडर-19 एशिया कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया. बावा (नाबाद 43) और ताम्बे (नाबाद 35) ने तब जिम्मेदारी संभाली जबकि भारत छह विकेट पर 197 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था लेकिन इन दोनों ने अच्छी तरह से अपनी भूमिका निभाई जिससे भारतीय टीम ने 10 गेंद शेष रहते ही 260 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया.
सेमीफाइनल में युवा टीम
इससे पहले अच्छी फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज हरनूर पन्नू (65) और उनके साथी अंगकृष रघुवंशी (35) ने पहले विकेट के लिये 104 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई थी. मध्यक्रम में हालांकि कप्तान यश धुल (26) और निशांत सिंधू (19) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए जिसके बाद बावा और ताम्बे ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली. इस जीत से भारत ग्रुप ए में पाकिस्तान के बाद दूसरे स्थान पर रहा. पाकिस्तान ने अपने सभी मैच जीते. भारत सेमीफाइनल में बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच होने वाले मैच के विजेता से भिड़ेगा.
रोमांचक मैच में मिली जीत
इन दोनों के बीच मंगलवार को होने वाले मैच के विजेता से ग्रुप बी में शीर्ष पर रहने वाली टीम का निर्धारण होगा. भारत अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहा है इसलिए वह सेमीफाइनल में दूसरे ग्रुप में पहले स्थान पर रहने वाली टीम से खेलेगा. अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किये जाने के बाद सुलिमान सफी की 73 रन की धैर्यपूर्ण पारी और एजाज अहमद अहमदजई की 68 गेंदों पर नाबाद 86 रन की तूफानी पारी से चार विकेट पर 259 रन बनाए.
भारत ने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत की और छह ओवर में बिना किसी नुकसान के 44 रन बना दिए. हरनूर और रघुवंशी ने गेंद को लगातार सीमा रेखा तक पहुंचाया. हरनूर ने अपनी पारी में आठ चौके और रघुवंशी ने छह चौके लगाए. बाएं हाथ के स्पिनर नूर अहमद (43 रन देकर चार विकेट) ने रघुवंशी को आउट करके यह साझेदारी तोड़ी. इसके बाद हरनूर और शेक राशीद (छह) भी पवेलियन लौट गए जिससे स्कोर तीन विकेट पर 116 रन हो गया.
कप्तान धुल और सिंधू ने पारी संवारने का प्रयास किया. खालिल खलील ने सिंधू को आउट कर दिया जिससे स्कोर चार विकेट पर 162 रन हो गया. नूर अहमद ने दुल को आउट करके अपना तीसरा विकेट लिया और फिर अराध्य यादव (12) को आउट करके भारतीय खेमे में खलबली मचा दी. ऐसी परिस्थितियों में बावा और ताम्बे ने धैर्य से काम लिया और अपनी टीम को अंतिम चार में पहुंचाया. ताम्बे ने विजयी चौका लगाया.