लखनऊ. संस्कृत से फारसी भाषा में अनुवादित दुनिया की अद्भुत और दुर्लभ रामायण में 258 पेज हैं. हर पेज पर बना चित्र रामायण में होने वाली घटनाओं को दर्शाता है. जबकि पेज गोल्ड प्रिंटेड हैं. यही नहीं, दुनिया की पहली ऐसी रामायण है, जिसकी शुरुआत अल्लाह (बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम अल्हम्दुलिल्लाह) से होती है. इस रामायण को तीन खंडों में बांटा गया है, जो कि बाल खंड, सीता हरण और हनुमत मिलन हैं. इन तीनों खंडों में हर एक घटना को खूबसूरती से दर्शाया गया है.इसके लेखक सुमेर चंद हैं. यह लखनऊ के चारबग स्थित रवींद्रालय में ऐतिहासिक रामपुर रजा लाइब्रेरी में चल रहे पुस्तक मेले में मौजूद है. बता दें कि इसकी असली कॉपी तो रामपुर रजा लाइब्रेरी में है, लेकिन इस लाइब्रेरी की तरफ से पुस्तक मेले में एक स्टॉल लगाया गया है. पुस्तक मेले में लगे स्टॉल के माध्यम से प्रिंटेड कॉपी लोगों तक पहुंचाई जा रही है, ताकि लोग इस दुर्लभ रामायण को पढ़ सकें.प्रिंटेड फारसी भाषा की रामायणलखनऊ में इसकी मांग इतनी ज्यादा है कि तीन दिन के अंदर ही इस प्रिंटेड फारसी भाषा की रामायण की सात कॉपी बिक गईं. रामपुर लाइब्रेरी से दोबारा 10 कॉपियां मंगानी पड़ी हैं. रामपुर लाइब्रेरी से आए सदस्य मिर्जा राशिद हुसैन ने बताया कि एक कॉपी की कीमत 3500 रुपये है. तीनों कॉपियां एक साथ लोगों को लेनी पड़ेंगी. सिंगल कॉपी किसी को भी नहीं दी जा सकती.रामायण से प्रभावित हुआ था मुगल बादशाहमिर्जा राशिद हुसैन ने बताया कि यह जो रामायण है इसे 1715 में मुगल बादशाह फर्रुख सियर ने हिंदू धर्म और रामायण से प्रभावित होकर इसे संस्कृत से फारसी भाषा में अनुवाद कराया था. इस किताब का संपादन प्रो शाह अब्दुस्सलाम और डॉ. वफररूल हसन सिद्दीकी ने किया है. इसके गोल्ड प्रिंटेड पेज लोगों को काफी आकर्षित करते हैं. दुनिया की ऐसी पहली रामायण है जिसकी शुरुआत अल्लाह के नाम से होती है.बहरहाल, रामपुर रजा लाइब्रेरी सरकारी लाइब्रेरी है, जो कि ऐतिहासिक है. रामपुर के नवाबों के पास जो असली किताबों का कलेक्शन था, वह आज भी इस लाइब्रेरी में देखने के लिए मिलता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 20, 2023, 10:27 IST
Source link