नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका की कमजोर टीम से टेस्ट और वनडे सीरीज हारने के बावजूद घबराने की जरूरत नहीं है और इस ‘अस्थायी दौर’ से टीम जल्दी ही उबर जाएगी. तीनों प्रारूपों से विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के साथ भारतीय टीम को वनडे सीरीज में 0-3 से पराजय झेलनी पड़ी. इसके पहले टेस्ट सीरीज में उसे 1-2 से पराजय मिली.
अचानक इतना खराब क्यों खेल रही है टीम इंडिया?
शास्त्री ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘एक सीरीज हारने के बाद लोग आलोचना करने लगते हैं. आप हर मैच नहीं जीत सकते. जीत-हार चलती रहती है.’ पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया था. शास्त्री ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज की एक गेंद भी नहीं देखी, लेकिन उन्होंने यह मानने से इनकार किया कि टीम के प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आई है.
रवि शास्त्री ने ये बड़ी वजह बताकर चौंकाया
शास्त्री ने कहा, ‘अचानक प्रदर्शन कैसे गिर सकता है. पांच साल तक आप दुनिया की नंबर एक टीम रहे हैं.’ शास्त्री ने कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है और यह नाकामी एक अस्थायी दौर है. उन्होंने कहा,‘पिछले पांच साल से जीत का अनुपात 65 प्रतिशत रहा है तो चिंता की क्या बात है. विरोधी टीमों को चिंता करनी चाहिए.’ कोहली ने टेस्ट सीरीज में हार के एक दिन बाद टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. शास्त्री ने कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है और ऐसे फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए.
शास्त्री ने कहा,‘यह उसका फैसला है. उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. हर चीज का एक समय होता है. अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ी है. चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एम एस धोनी और अब विराट कोहली.’
क्या कोहली के शारीरिक हाव भाव बदल गए?
यह पूछने पर कि कप्तानी प्रकरण के बाद क्या उनके शारीरिक हाव भाव बदल गए हैं , शास्त्री ने कहा ,‘मैने इस सीरीज की एक गेंद भी नहीं देखी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली में बहुत बदलाव आएगा. मैंने सात साल बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया है. एक बात तो तय है कि मैं सार्वजनिक तौर पर आपसी मतभेदों के बारे में बात नहीं करता. जिस दिन मेरा कार्यकाल समाप्त हुआ, उसी दिन से मैने साफ कर दिया था कि मैं सार्वजनिक मंच पर अपने खिलाड़ियों के बारे में बात नहीं करूंगा.’
कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे, लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी. शास्त्री ने कहा कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर नहीं होना चाहिए. शास्त्री ने कहा ,‘कई बड़े खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप नहीं जीता. इससे क्या हुआ. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे.’
BCCI-कोहली विवाद पर ये बोले शास्त्री
शास्त्री ने कहा ,‘हमारे पास कितने वर्ल्ड कप विजेता कप्तान हैं. सचिन तेंदुलकर ने छह वर्ल्ड कप खेलने के बाद जीता. आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है. आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला.’ कप्तानी के मसले पर बीसीसीआई से कोहली की ठनने के बारे में शास्त्री ने कहा ,‘संवाद महत्वपूर्ण है. मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई. मैं उसका हिस्सा नहीं था. दोनों पक्षों से बात किए बिना मैं कुछ नहीं कह सकता. सूचना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है.’