आस्‍था या फिर चमत्‍कार? यूपी के इस कुंड में स्नान से भर जाती है निसंतान दंपति की सूनी गोद

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आस्‍था या फिर चमत्‍कार? यूपी के इस कुंड में स्नान से भर जाती है निसंतान दंपति की सूनी गोद



अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी. अब इसे चमत्कार कहें या कुछ और… यह बात सच है कि वाराणसी में एक ऐसा कुंड है जहां स्नान से माताओं की सूनी गोद भर जाती है. खास तिथि पर इस कुंड में स्नान से हर दंपति की संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है. यही वजह है कि लोलार्क छठ के दिन यहां स्नान के लिए हजारों नहीं बल्कि लाखों लोग कतार में लगे हुए हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस कुंड का सीधा कनेक्शन भगवान सूर्य से है.इसे सूर्य कुंड के नाम से भी जाना जाता है. इस कुंड के करीब लोलाकेश्वर महादेव का मंदिर भी है. कथाओं के अनुसार, भगवान सूर्य ने यहां सैकड़ों वर्ष तपस्या करके शिवलिंग की स्थापना की थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि इस भगवान सूर्य के रथ का पहिया गिरने से ही यहां इस कुंड का निर्माण हुआ था. मान्यता है कि सूर्य की सबसे पहली किरण इस कुंड में पड़ती है.पूरी होती है संतान प्राप्ति की मनोकामनापंडित बलराम मिश्रा ने बताया कि यह सूर्य कुंड अति प्राचीन है और यहां स्नान से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है. इसके अलावा कुष्ठ रोग से भी छुटकारा मिलता है. उनका दावा है कि इस कुंड में स्नान से अब तक हजारों नहीं बल्कि लाखों लोगों की सुनी गोद भरी है. हर कोई अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद यहां परिवार संग आता है और हलुआ पूड़ी चढ़ाकर अपनी मन्नत उतारता है.स्नान के लिए हैं ये नियमसंतान प्राप्ति के लिए इस कुंड में स्नान के कुछ नियम भी हैं. शादीशुदा दंपति को हाथ पकड़कर ही इस कुंड में स्नान करना होता हैं. स्नान के बाद एक फल का दान दंपति इस कुंड में करते हैं. उसके बाद मन्नत पूरी होने तक उस फल का सेवन नहीं किया जाता है. मन्नत पूरी होने के बाद बैंड बाजा के साथ लोग मन्नत उतारने यहां आते हैं..FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 12:14 IST



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