पीलीभीत: एक ओर सूबे की सरकार गड्ढा मुक्त उत्तर प्रदेश के दावे पेश करती है. लेकिन पीलीभीत में इसकी उलट तस्वीर देखने को मिलती है. यहां अधिकांश सड़के खस्ता हालत में है. शहर की रामलीला सड़क के हाल सबसे बुरे हैं. इस पूरी सड़क में गहरे गड्ढे व धूल का गुब्बार उड़ता है. ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य समस्या से भी जूझना पड़ता है. पीलीभीत में इसकी उलट तस्वीर देखने को मिलती है. यहां अधिकांश सड़के खस्ता हालत में है. शहर की रामलीला सड़क के हाल सबसे बुरा हैं. इस पूरी सड़क में गहरे गड्ढे व धूल का गुब्बार उड़ता है. ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य समस्या से भी जूझना पड़ता है.दरअसल शहर के उपाधि कॉलेज चौराहे से पूरनपुर रोड तक जाने वाली रामलीला रोड की कुल लंबाई 1.3 किलोमीटर है. यह सड़क पूरनपुर की ओर जाने वाले लोगों के लिए प्रमुख सड़क है. वहीं जिले के ग्रामीण अंचल से किसानों के मंडी समिति पहुंचने के लिए भी यह प्रमुख मार्ग है. इन दिनों असम चौराहे पर फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य चल रहा है. ऐसे में इस सड़क पर रोजाना हजारों लोगों व वाहनों की आवाजाही होती है. लेकिन बदहाली का दंश झेल रही इस सड़क पर कई इंच गहरे गड्ढे हो चुके हैं. वहीं जर्जर होने के चलते रास्ते पर धूल का गुब्बार उड़ता है. ऐसे में राहगीरों के लिए हादसों के साथ ही साथ बीमारियों का भी खतरा बरकरार हो गया है.हो सकते है गंभीर परिणामपीलीभीत जिला अस्पताल में बतौर फिजिशियन तैनात डॉक्टर रमाकांत सागर ने धूल से होने वाले दुषपरिणामों पर जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे धूल भरे रास्तों से गुजरने पर लोगों को इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं लोगों को सांस व स्किन से जुड़ी गम्भीर बीमारी भी हो सकती हैं. लोगों को ऐसे रास्तों से गुज़रने से बचना चाहिए. वहीं बहुत अधिक आवश्यक होने पर मास्क पहने.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 06, 2023, 18:11 IST
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