रजनीश यादव /प्रयागराज: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के चलते लगातार नव निर्माण कार्य चल रहा है. गंगा के किनारे बनाए जा रहे पक्के घाट एवं ऊपर ब्रिज के निर्माण से गंगा के कटाव एवं ठोकर को रोकने के लिए जियो बैग का प्रयोग किया गया है. जो देखने में पीला पुल की तरह लग रहा है. लेकिन पीपा पुल नहीं, जिओ बैग है. इसको देखकर लोग अचंभित हो रहे हैं.यहां होता है जिओ बैग का प्रयोगप्रयागराज में दारागंज घाट पर स्थित गंगा जी ने लगभग 100 मीटर लंबी 3 काले रंग की अनोखा चीज दिखती है, जिसको लोग देखकर बोलते हैं कि अभी भी गंगा जी में माघ मेले का पीपा पुल पड़ा हुआ है. लोगों का लगता है कि मेला प्राधिकरण इसे हटा नहीं रहा. लेकिन ऐसा नहीं है. काले रंग की दिखने वाली 100 मीटर लंबी चीज पीपा पुल नहीं बल्कि जिओ बैग है. इसको नदियों में कटाव , बहाव एवं ठोकर को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.जिओ ब्लैक बनाते समय एक ब्लैक मजबूत पॉलिथीन की तरह दिखने वाले कैनवास में बालू को भर दिया जाता है. मशीन के माध्यम से उसको पीपा पुल की तरह गंगा जी में बैठा दिया जाता है ,जो दिखने में बहुत ही भारी होती है. इस प्रकार इसके रखने के बाद नदी की धारा मुड़ जाती है.हो रहे प्रमुख निर्माण कार्यप्रयागराज में गंगा नदी में लगातार कुछ प्रमुख निर्माण कार्य चल रहे हैं. इसमें फाफामऊ सिविल लाइन पुल का निर्माण भी शामिल है. वहीं, बनारस प्रयागराज रेल मार्ग को जोड़ने के लिए ओवर ब्रिज का भी निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में निर्माण कार्य प्रभावित न हो इसके लिए जियो बाग का प्रयोग किया गया है. इसके अलावा रसूलाबाद घाट से लेकर प्रयागराज संगम तक लगभग 6:50 किलोमीटर लंबे रिवर फ्रंट का भी निर्माण किया जा रहा है. इसी के चलते गंगा जी में तीन जिओ बैग लगाए गए हैं.FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 11:23 IST