चंदौली. जिले में बुधवार की शाम हुई बारिश के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गयी. वहीं 15 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से झुलस गए है. इससे जहां मृतक परिवारों में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं घायलों का अलग- अलग अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती कराया. दैवीय आपदा के बाद जिला प्रशासन व पुलिस भी हरकत में नजर आया. शवों को स्थानीय पुलिस द्वारा पंचनामा कर जिला अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस लाया गया, जहां रात के वक्त ही शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा.
दरअसल बुधवार की शाम बारिश के दौरान मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के भिसौड़ी गांव में मोती यादव 50 वर्ष सिवान में भैंस चरा रहे थे, तभी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उनकी मौत हो गयी. वहीं कुण्डा कला निवासी पुल्लू 42 वर्ष मछली मारते समय आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए. इसके अलावा कुण्डा कला गांव में ही मछली मार रहे 55 वर्षीय रूपलाल आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए और गंगा नदी में जा गिरे. जिनकी खोजबीन पुलिस द्वारा की जा रही है.
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2 चचेरे भाइयों की मौत, अलीनगर थाना क्षेत्र में गिरी बिजलीइसके अलावा अलीनगर थाना क्षेत्र के बरईपुर निवासी दो चचेरे भाई अंकित यादव 15 वर्ष व चिंटू यादव 13 वर्ष भैंस चराते समय आकाशीय बिजली की जद में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गयी. वहीं कंदवा थाना क्षेत्र के कोदई गांव निवासी मुनीब बिंद 55 वर्ष खेत की मेढ़ बांधते समय आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी.
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प्रदेश में बीते 24 घंटों में 16 लोगों की दर्दनाक मौतप्रदेश के राहत आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के कुल 12 जिले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बलिया के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बाढ़ के पानी में डूबने से दो तथा सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है.
शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती एवं क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपरराहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती एवं क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 718 बाढ़ शरणालय, 923-बाढ़ चौकियां और 501 मेडिकल टीम गठित और स्थापित की गई हैं. प्रभावित जनपदों में राहत एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की तीन-तीन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की एक टीम तैनात है.
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