Aakash Chopra on Suryakumar Yadav why he is not doing well in odi format | वनडे में आखिर फ्लॉप क्यों हो जाते हैं सूर्यकुमार यादव? आकाश चोपड़ा ने बता दी वजह

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Suryakumar Yadav in ODI: भारत के ‘मिस्टर 360 डिग्री’ बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव के शॉट सेलेक्शन के सभी मुरीद हैं. उन्होंने अब भारतीय कप्तान के तौर पर डेब्यू भी किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले टी20 मैच में जीत दिलाई. इसी बीच क्रिकेटर से कमेंटेटर बने आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने सूर्यकुमार को लेकर अपनी बात रखी है कि आखिर वह वनडे फॉर्मेट में उतने बेहतर क्यों नहीं हैं. 
सूर्यकुमार ने मचाया धमालभारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का पहला टी20 मैच 2 विकेट से जीता. 23 नवंबर को विशाखापत्तनम में खेले गए मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अहम भूमिका निभाई. सूर्या को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया. उन्होंने 42 गेंदों पर 9 चौके और 4 छक्कों की मदद से 80 रन जोड़े. उनके अलावा ईशान किशन ने 58 रन का योगदान दिया. सूर्या और ईशान ने तीसरे विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी की.
आकाश चोपड़ा ने बताई ये वजह
टी20 फॉर्मेट में सूर्यकुमार अलग ही अंदाज में नजर आते हैं. विशाखापत्तनम टी20 के बाद आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने बताया है कि सूर्यकुमार यादव टी20 में कमाल करते हैं जबकि वनडे फॉर्मेट में उतने बेहतर नहीं दिखते हैं. आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘सूर्यकुमार टी20 फॉर्मेट में अलग ही प्लेयर के रूप में नजर आते हैं. छोटे फॉर्मेट में वह इतनी अच्छी बल्लेबाजी करते हैं क्योंकि उनका माइंडसेट कुछ ऐसा ही बन चुका है. मुझे नहीं लगता है कि सूर्या केवल टी20 क्रिकेट ही खेलें तो उसमें कुछ गलत है. उनका डीएनए टी20 क्रिकेट जैसा सेट हो गया है. टी20 फॉर्मेट को सूर्यकुमार परिस्थितियों के मुताबिक खेलते हैं.’
‘अगले 6 महीने केवल टी20 पर करें फोकस’
भारत की मेजबानी में खेले गए वनडे विश्व कप में सूर्यकुमार कुछ खास नहीं कर सके. उन्होंने 7 पारियों में 17 के औसत से केवल 106 रन बनाए. इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 49 रन रहा. आकाश ने आगे कहा, ‘सूर्यकुमार एक टी20 क्रिकेटर बनकर भी रह सकते हैं. उनके लिए यही बेहतर रहेगा कि अगले 6 महीने तक वह टी20 फॉर्मेट पर ही फोकस करें. मुझे लगता है कि तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले एक खिलाड़ी को खोजने के चक्कर में हमें एक टी20 रॉकस्टार नहीं खोना चाहिए.’



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