अमित सिंह/प्रयागराज. सावन महीने में आज मंगलवार से मलमास शुरू हो चुका. यह 16 अगस्त तक जारी रहेगा. इस मलमास को अधिकमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है जब सावन और मलमास का मेल हुआ है. मलमास भगवान विष्णु को समर्पित कालखंड माना जाता है. शालिग्राम भगवान की उपासना विशेष रूप से फलदाई होती है. ये बातें प्रयागराज के आचार्य लक्ष्मीकांत शास्त्री ने कहीं.
आचार्य लक्ष्मीकांत शास्त्री के मुताबिक, सावन के स्वामी भगवान शिव व मलमास के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं. मलमास में भगवान विष्णु की स्तुति करने का विशेष विधान वर्णित है. हालांकि रुद्राभिषेक शिव नाम जप करने का क्रम चलता रहेगा. लेकिन भगवान विष्णु के पूजन अर्चन का दौर आज से प्रारंभ हो जाएगा. भगवत गीता के चौथे अध्याय में भगवान विष्णु के पूजन अर्चन का फलदाई प्रभाव वर्णित है. भगवान विष्णु की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और विभिन्न बाधाओं और कष्टों का निदान होता है.
तीन वर्ष में आता है अधिमास
मनकामेश्वर मंदिर के महंत श्रीधर आनंद ब्रह्मचारी ने बताया कि तीन वर्ष के भीतर अधिमास आता है. इसकी वैज्ञानिक वजह यह है कि सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी को 365 दिन 6 घंटे लगते हैं. सनातन धर्म में काल गणना पद्धति चंद्रमा पर आधारित है. चंद्रमा की सोलह कलाओं के आधार पर ही दो पक्षों का एक मास माना जाता है.
.Tags: Allahabad news, Local18, Religion 18, SawanFIRST PUBLISHED : July 18, 2023, 12:18 IST
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