हाइलाइट्सआज सुबह के समय में व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे.सूर्य अर्घ्य प्रात: काल का मुहूर्त आज सुबह 06:47 बजे से है.Chhath Puja 2023 surya arghya: आज महापर्व छठ पूजा (Chhath puja) का चौथा और अंतिम दिन है. 17 नवंबर से शुरू हुए छठ पूजा में पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन यानी कल (19 नवंबर) शाम का अर्घ्य सूर्य देवता को विधि-विधान से व्रती ने दिया. इसमें डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया. खरना पूजा का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही छठ पूजा का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है, जो 36 घंटे तक चलता है. आज यानी 20 नवंबर को उगते सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे और इसी के साथ छठ का महापर्व संपन्न होगा. छठ का पर्व संतान की प्राप्ति, उसके लंबी आयु, सुख-शांति के लिए किया जाता है. साथ ही ये प्रकृति से जुड़ा पर्व भी है. चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से उदयगामी सूर्य यानी उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त क्या है, इस दौरान किन मंत्रों का जाप करना चाहिए, पूजा की विधि क्या है और अर्घ्य देने का महत्व क्या होता है.
छठ पूजा 2023 चौथे दिन का शुभ मुहूर्ततिथि: कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमीवृद्धि योग: आज सुबह से लेकर रात्रि 8 बजकर 35 मिनट तकनक्षत्र: धनिष्ठासूर्योदय: सुबह 06:47 बजेसूर्यास्त: शाम 05:25 बजेराहुकाल: शाम 08:07 बजे से शाम 09:26 बजे तक
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छठ पूजा 2023 उदयगामी सूर्य अर्घ्य समयसर्य अर्घ्य प्रात: काल का मुहूर्त: आज 20 नवंबर सुबह 06:47 बजे सेआपको बता दें कि सूर्य देव को अर्घ्य देने का ये समय दिल्ली का है. अलग-अलग राज्यों के शहरों में सूर्योदय के समय में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है.
सूर्य देवता को अर्घ्य देने की विधि-छठ पूजा में व्रती यदि ही विधि और श्रद्धा भाव से उगते सूरज को अर्घ्य दें तो छठी माता प्रसन्न होकर उनकी पूजा को स्वीकार कर लेती हैं. सदा अपनी कृपा बनाए रखती हैं.
-सूर्य पूजा के समय महिलाएं सूती साड़ी पहनें, वहीं पुरुष धोती पहन सकते हैं.
-साफ-सफाई, शुद्धता का ख्याल अवश्य रखें. मान्यताओं के अनुसार, तांबे के कलश से अर्ध्य देना शुभ होता है.
-अर्घ्य देते समय सूर्य देवता को सीधे न देखें, बल्कि कलश से गिरते हुए जल की धारा को देखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. नियमित रूप से जल अर्पित करने से सूर्य दोष भी दूर होगा.
-पूजा की सामग्री के साथ व्रती नदी, तालाब किनारे पहुंचते हैं. सूप में सभी पूजा की सामग्री रखी होती है. पानी में खड़े होकर सूप और जल से भरा कलश लेकर उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है.
-हाथों को ऊपर करके पूजा की सामग्री को सूरज भगवान, छठी मैया को अर्पित किया जाता है. मंत्र जाप करके जल से अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद सूर्य भगवान को नमस्कार करें. पानी में खड़े होकर ही 5 बार परिक्रमा करें. इसके बाद अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें.
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उगते सूरज को अर्घ्य देने का महत्वआज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा का समापन हो जाएगा. उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती छठ पूजा के व्रत का पारण कर अपना उपवास तोड़ते हैं. अर्घ्य देते समय सूर्य देवता दूध, जल आदि अर्पित किया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की कमजोर स्थिति मजबूत होती है. सौभाग्य बना रहता है. मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है. यश और कीर्ति में इजाफा होता है. घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहता है. सूर्य देवता की कृपा बनी रहती है. छठी मैया नि:संतान को संतान सुख का आशीर्वाद देती हैं.
इन सूर्य मंत्रों का करें जापछठ पर्व के अंतिम दिन यानी आज सूर्योदय के समय सूर्य देवता को सूर्य मंत्र उच्चारण के साथ अर्घ्य दें.
आप अर्घ्य देते समय ‘स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि। सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।’ मंत्र का जाप करें.ओम सूर्याय नम: का भी उच्चारण कर सकते हैं. व्रती यदि सही तरीके और पूरे विधि-विधान से पूजा करें तो सुख-समृद्धि आती है.
ओम ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
ओम सूर्याय नम:
.Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Dharma AasthaFIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 06:16 IST
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