रिपोर्ट : हरीकांत शर्मा
आगरा. रामलीला देखना वाकई सुखद लगता है, लेकिन उसका मंचन करना बेहद चुनौती भरा काम होता है. जितने पात्र मंच पर दिखते हैं, उससे कहीं ज्यादा लोग मंच के पीछे सक्रिय होते हैं. लाइटिंग से लेकर म्यूजिक तक, ड्रेस से लेकर साउंड तक का जिम्मा अलग-अलग लोग उठाते हैं. नेपथ्य की इन बातों से हम आपको समय-समय पर रू-ब-रू कराते रहेंगे. आज की रिपोर्ट में हम आपको मिलवाएंगे रामायण के कुछ मुख्य पात्रों को जी रहे कलाकारों से. यह जानना दिलचस्प होगा कि ये कलाकार निजी जीवन में क्या करते हैं. तो चलिए आपको लिए चलते हैं आगरा की 137 साल पुरानी ‘ऐतिहासिक रामलीला’ के किरदारों के पास.
कहने की जरूरत नहीं कि रामलीला में सबसे अहम किरदार प्रभु श्रीराम का होता है. इस बार इस ऐतिहासिक रामलीला के मंच पर राम का किरदार मथुरा के रहनेवाले मोहित चतुर्वेदी निभा रहे हैं. मोहित चतुर्वेदी फिलहाल एमकॉम कर रहे हैं. वे पहली बार इस ऐतिहासिक रामलीला का हिस्सा बने हैं. मोहित कहते हैं ‘उन्हें बेहद गर्व है कि वह आगरा की ऐतिहासिक रामलीला का हिस्सा बने हैं. उनका मानना है कि निजी जीवन में वह भले ही कैसे भी रहते हों, लेकिन जब रामलीला के मंच पर पहुंचते हैं, तो लोगों को उनमें केवल भगवान श्रीराम ही नजर आते हैं. जब भी वह प्रभु श्रीराम का मुकुट पहनते हैं, उन्हें अंदर से एक ऊर्जा मिलती है जो उन्हें किरदार निभाने में बेहद मदद करती है.
लक्ष्मण का किरदार निभा रहे विकास
इस रामलीला में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले विकास प्राइवेट जॉब में हैं. वे पहले से ही रामलीला के मंच से जुड़े हुए हैं और वह तीसरी बार ऐतिहासिक रामलीला में लक्ष्मण का किरदार निभा रहे हैं. विकास कहते हैं कि उन्हें उनके असली नाम से लोग कम और लक्ष्मण के नाम से ज्यादा जानते हैं.
भरत के रोल में हैं आकाश
ऐतिहासिक रामलीला में भरत का किरदार आकाश निभा रहे हैं. वे मथुरा के रहनेवाले हैं और वहीं के एक प्राइवेट कॉलेज में बीकॉम सेकंड इयर में पढ़ते हैं. आकाश बताते हैं कि रामलीला में उनकी रुचि शुरू से है. पढ़ाई के साथ-साथ वे रामलीला का मंचन भी करते रहे हैं.
नगर निगम में ठेकेदार बने शत्रुघ्न
इस रामलीला में शत्रुध्न का किरदार निभानेवाले मथुरा के अनिरुद्ध पेशे से ठेकेदारी करते हैं. रामलीला के प्रति उनकी आस्था है और यही वजह है कि वे कई बरस से इस रामलीला में किरदार निभाते चले आ रहे हैं.
6 किलो का मुकुट देता है शक्ति
बुधवार की रात ऐतिहासिक रामबारात निकली. प्रभु श्रीराम चांदी के रथ पर सवार होकर जानकी के साथ विवाह करने के लिए निकले. राम बने मोहित चतुर्वेदी बताते हैं कि रामबारात के दौरान जिस मुकुट को वे अपने सिर पर धारण करते हैं, उसका वजन लगभग 6 किलो होता है. इस मुकुट को उन्हें लगभग 5 से 6 घंटे पहनने रहना होता है, जिसकी वजह से उनके सिर और कंधे में दर्द हो जाता है. लेकिन जैसे ही वे प्रभु श्रीराम का मुकुट पहनते हैं, उन्हें एक अनोखी शक्ति महसूस होती है, जिससे सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Agra news, Dussehra Festival, UP newsFIRST PUBLISHED : September 22, 2022, 17:38 IST
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