कानपुर: आईआईटी कानपुर द्वारा कई ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की गई हैं ऐसे उपकरण तैयार किए गए हैं जिनका लोहा देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने माना है. आईआईटी कानपुर ने कई ऐसे ड्रोन भी तैयार किए हैं जिनका इस्तेमाल विश्व स्तर पर हो रहा है. अब एक बार फिर से आईआईटी कानपुर ने भारतीय सेवा के लिए एक खास स्वदेशी ड्रोन तैयार किया है जो दुश्मनों का मिनटों में काम तमाम कर देगा. इस ड्रोन को कामकाजी ड्रोन नाम दिया गया है. यह एक जापानी नाम है जिसका मतलब होता है सुसाइड.चंद मिनट में लगाएगा दुश्मनों का पताआईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किया गया स्वदेशी ड्रोन चंद मिनट में दुश्मन के हथियारों और टैंक का पता लगाएगा और 100 किलोमीटर दूर तक मौजूद दुश्मनों का पता लगाकर उनका काम तमाम कर देगा. इस ड्रोन की टेस्टिंग भी आईआईटी कानपुर में हो गई है. वहीं से अप्रूवल मिल जाने के बाद इसके ट्रायल्स भी शुरू हो जाएंगे.यह है इसकी खासियतआईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किए गए इस ड्रोन को बनाने में लगभग ढाई साल का समय लगा है. इस ड्रोन को आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग में तैयार किया गया है. आईआईटी कानपुर के सीनियर प्रोफेसर सुब्रमण्यम सडरेला की देखरेख में तैयार किया गया है. आपको बता दें इस ड्रोन की खासियत की बात की जाए तो इस ड्रोन में 2 किलो तक का वजन ले जाया जा सकता है. इसके साथ ही इसकी रफ्तार 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा है जिसे बढ़ाकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा कर सकते हैं. यह अपने आप में सबसे खास ड्रोन है. इस तरीके का ड्रोन अभी तक सेना के पास मौजूद नहीं है और देश में इस तरीके का यह सबसे आधुनिक ड्रोन है.आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर सुब्रमण्यम ने बताया कि इस ड्रोन की कीमत की बात की जाए तो यह लाखों तक पहुंच जाती है. हालांकि, सेना से जुड़े होने की वजह से अभी इसके प्राइस रिवील नहीं किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अगले 5 सालों में कामकाजी ड्रोन को लेकर 1,500 करोड़ रुपए का कारोबार करने का लक्ष्य है. यह ड्रोन एक सुसाइड ड्रोन के तरीके भी काम करेगा. दुश्मन को ढेर करने के बाद इसका पूरा कंट्रोल इसको ऑपरेट करने वाले व्यक्ति के पास होगा. इतना ही नहीं जिन स्थानों पर जीपीएस भी लॉस्ट हो जाता है उन स्थानों पर भी यह काम करता रहेगा.यह ड्रोन चार्जेबल ड्रोन है और इसे एक बार चार्ज करने के बाद तीन से चार घंटे तक प्रयोग कर सकते हैं. इसमें कई सेंसर लगे हुए हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर यह काम करेगा. इसमें कैमरे को लगाकर वाहन की तस्वीर और वीडियो भी ले सकते हैं.FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 22:50 IST