आईआईटी कानपुर में बनेगा सेंटर फॉर मेंटल वेलनेस, इसलिए हो गया है बहुत जरूरी

admin

आईआईटी कानपुर में बनेगा सेंटर फॉर मेंटल वेलनेस, इसलिए हो गया है बहुत जरूरी

Last Updated:March 24, 2025, 23:23 ISTIIT Kanpur: आईआईटी कानपुर के निदेशक डॉ. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि यह फैसला छात्रों की भलाई के लिए लिया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि…..X

आईआईटी कानपुरकानपुर: आईआईटी कानपुर देश और दुनिया के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शामिल है लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां छात्रों और शोधकर्ताओं के आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं. यह चिंता का विषय बन गया है. इन मामलों की गहराई में जाने पर एक मुख्य कारण पढ़ाई और रिसर्च का बढ़ता दबाव निकलकर सामने आया है. इसे देखते हुए अब आईआईटी कानपुर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. आने वाले दो से तीन महीनों के भीतर यहां मेंटल वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां फुल-टाइम मनोवैज्ञानिक चिकित्सक स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान करेंगे.

सेंटर फॉर मेंटल वैलनेस में मिलेगी यह सुविधाअब तक आईआईटी कानपुर में छात्रों की मानसिक समस्याओं को हल करने के लिए नौ काउंसलर मौजूद थे, लेकिन अब पहली बार एक फुल-टाइम मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट यानी मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की नियुक्ति की जाएगी. ये डॉक्टर कैंपस में ही रहेंगे और छात्रों से सीधा संवाद कर उनकी परेशानियों को समझेंगे. यह सेंटर छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान होगा, जहां वे बिना किसी झिझक के अपनी बातें शेयर कर सकेंगे.

आईआईटी कानपुर के निदेशक डॉ. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि यह फैसला छात्रों की भलाई के लिए लिया गया है. उन्होंने स्वीकार किया कि पोस्ट ग्रेजुएशन और रिसर्च लेवल के स्टूडेंट्स पर पढ़ाई और गाइड्स का दबाव अधिक होता है. इससे वे कई बार तनाव में आ जाते हैं. अब इस सेंटर के जरिए वे मानसिक रूप से खुद को बेहतर और मजबूत कर सकेंगे.

गाइड नहीं बना सकेंगे बेवजह दबाव, बनेगी कमेटीआईआईटी में पीएचडी और एमटेक के स्टूडेंट्स के लिए उनके गाइड्स बेहद अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन कई बार शोध कार्य का दबाव स्टूडेंट्स पर इतना बढ़ जाता है कि वे तनाव से जूझने लगते हैं. इस समस्या को हल करने के लिए अब एक नई कमेटी बनाई जाएगी. यह कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि गाइड्स छात्रों पर अनुचित दबाव न बनाएं और उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करें. अगर किसी छात्र को अपने गाइड के व्यवहार से कोई समस्या होती है तो वह इस कमेटी से संपर्क कर सकता है.

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि गाइड्स का अनुशासन जरूरी है, लेकिन उन्हें छात्रों से दोस्ताना व्यवहार भी अपनाना होगा ताकि वे मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें. बीते वर्षों में आत्महत्या की घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया. आईआईटी कानपुर में आत्महत्या के कई मामले सामने आए, जिनमें कुछ बेहद चौंकाने वाले रहे.

19 दिसंबर 2023: शोध सहायक डॉ. पल्लवी चिल्का ने आत्महत्या कर ली.10 जनवरी 2024: एमटेक छात्र विकास मीणा ने अपनी जान दे दी.18 जनवरी 2024: पीएचडी छात्रा प्रियंका जायवाल ने मौत को गले लगा लिया.10 अक्टूबर 2024: पीएचडी छात्रा प्रगति ने आत्महत्या कर ली.10 फरवरी 2025: पीएचडी रिसर्च स्कॉलर अंकित यादव ने सुसाइड कर ली.

इन घटनाओं ने न सिर्फ आईआईटी कानपुर बल्कि पूरे शिक्षा जगत को हिला दिया. इन्हीं दुखद घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन अब छात्रों के मानसिक सेहत को प्राथमिकता देने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. मेंटल वेलनेस सेंटर और गाइड्स को लेकर बनाई गई कमेटी से छात्रों को मानसिक राहत मिलेगी. वे बिना किसी डर के अपनी परेशानियों को साझा कर पाएंगे और तनाव से बाहर आ सकेंगे. आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में छात्रों पर पढ़ाई का दबाव होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर इस दबाव को सही तरीके से मैनेज किया जाए तो इससे छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है.
Location :Kanpur Dehat,Uttar PradeshFirst Published :March 24, 2025, 23:23 ISThomeuttar-pradeshआईआईटी कानपुर में बनेगा सेंटर फॉर मेंटल वेलनेस, इसलिए हो गया है बहुत जरूरी

Source link