A simple blood test could detect heart attack risk up to 6 months early | Heart Attack: दिल की दौरा पड़ने वाला है या नहीं? खून की जांच से 6 महीने पहले चल सकता है पता

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A simple blood test could detect heart attack risk up to 6 months early | Heart Attack: दिल की दौरा पड़ने वाला है या नहीं? खून की जांच से 6 महीने पहले चल सकता है पता



हार्ट अटैक एक ऐसा शब्द जो सुनते ही दिल दहल जाता है. यह एक जानलेवा बीमारी है जो कभी भी, कहीं भी किसी को भी हो सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब खून की एक जांच से 6 महीने पहले ही पता चल सकता है कि आपको हार्ट अटैक का खतरा है या नहीं? जी हां, वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो खून में मौजूद कुछ विशेष मॉलिक्यूल का पता लगाकर हार्ट अटैक की संभावना का अनुमान लगा सकती है.
स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नया अध्ययन किया है जिसके अनुसार खून में कुछ खास प्रोटीन की मात्रा से भविष्य में होने वाले दिल के दौरे का पता लगाया जा सकता है. यह जांच करीब 6 महीने पहले ही संभावित दिल के दौरे का संकेत दे सकती है.कैसे हुआ अध्ययन?अध्ययन में 169,053 लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई जिन्हें पहले कभी दिल की बीमारी नहीं हुई थी. इनमें से 420 लोगों को अगले 6 महीनों में पहला दिल का दौरा पड़ा था. शोधकर्ताओं ने इन लोगों के खून की तुलना 1598 हेल्दी लोगों के खून से की. जांच में खून में 91 ऐसे मॉलिक्यूल मिले जिन्हें दिल का दौरा पड़ने का संकेत माना जा सकता है.
मॉलिक्यूल पर और शोध की जरूरतअध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. जोहान सुंदरस्ट्रॉम का कहना है कि इन मॉलिक्यूल पर और शोध की जरूरत है. हालांकि, अच्छी खबर ये है कि फिलहाल डॉक्टरों के पास पहले से मौजूद जांचों से भी दिल का दौरा पड़ने के खतरे का पता लगाया जा सकता है. इनमें से एक जांच ब्रेन नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड (बीएनपी) की मात्रा मापती है. यह प्रोटीन दिल के सेल्स द्वारा ज्यादा दबाव की स्थिति में बनाया जाता है.
एक ऑनलाइन टूल भी हो रहा विकसित शोधकर्ता एक ऑनलाइन टूल भी विकसित कर रहे हैं जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल, कमर की मोटाई, लंबाई जैसी जानकारी देकर अगले 6 महीनों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना का पता लगा सकता है. हालांकि, डॉक्टर जेन मोर्गन का कहना है कि यह अध्ययन अभी शुरुआती दौर में है और इस पर और शोध की जरूरत है. यह टेस्ट फिलहाल शोधकर्ताओं और डॉक्टरों के लिए बनाया गया है.



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