सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्याः भगवान राम लला के मंदिर के साथ एक राम भक्त की प्रतिज्ञा भी पूरी हुई. 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले राजस्थान के महेंद्र भारती ने प्रतिज्ञा ली थी कि रामलला के मंदिर के निर्माण से पहले वह विवाह नहीं करेंगे. 90 के दशक में हुए कार्य सेवा से इतना आहत थे कि उन्होंने रामलला को ही साक्षी मानकर यह प्रतिज्ञा ली थी.
आज 32 साल बाद जब राम लला भव्य मंदिर में विराजमान हुए तो महेंद्र भारती का संकल्प पूरा हुआ और इस दरमियान महेंद्र भारती ने अपने जीवन संगिनी के रूप में डॉक्टर शालिनी गौतम को चुना. रामलला के मंदिर आंदोलन की हृदय स्थली रही. कारसेवक पुरम की यज्ञशाला में वैदिक ब्राह्मण की मौजूदगी में रामलला को साक्षी मानते हुए दोनों ने सात फेरे लिए. साथ जीने और मरने की कसम खाई.
सादगी से हुआ विवाहआपने फिल्म देखी होगी एक विवाह ऐसा भी. जिसमें नायक और नायिका ने पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने के लिए अलग से त्याग किया था. लेकिन राजस्थान के रहने वाले महेंद्र भारती राम लला के मंदिर के लिए संकल्प लेकर पिछले 32 साल से इंतजार कर रहे थे और आज जब भगवान भव्य मंदिर में विराजमान हुए. उन्होंने रामलला को ही साक्षी मानकर और रामलला के ही पहने हुए माला से एक दूसरे को वरमाला पहनाई. सादगी से रामलला के नगरी में आकर विवाह किया.
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शालिनी ने कहा-मुझे राम मिल गएडॉक्टर शालिनी गौतम ने कहा कि मुझे रामलला के मंदिर निर्माण पर विश्वास था. मुझे यह उम्मीद थी कि भगवान का भव्य मंदिर बनेगा और रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साथ मुझे मेरे राम मिल गए. बिल्कुल यह कहा जा सकता है एक विवाह ऐसा भी एक भक्त ऐसा भी. नई नवेले दूल्हे महेंद्र भारती ने बताया कि आज प्रभु राम की कृपा से हमने सात फेरे कारसेवक पुरम में लिया है. मन प्रफुल्लित है. अब आगे कई सारी जिम्मेदारियां निभानी है. 33 साल बाद अयोध्या में प्रभु राम को साक्षी मानकर शादी कर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं. तो वहीं, नई नवेली दुल्हन डॉक्टर शालिनी ने भी महेंद्र भारती को प्रभु राम का दर्जा देते हुए बताया कि आज से यही हमारे प्रभु राम है.
.Tags: Ayodhya latest news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 20:27 IST
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